Haryana

जींद : एडीजीपी आत्महत्या मामले में प्रदर्शन कर फूंका पुतला

मांगों को लेकर पुतला फूंकते हुए कार्यकर्ता।

जींद, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । एडीजीपी वाई पूरन के आत्महत्या मामले में शुक्रवार को सामाजिक संगठनों ने शहर में प्रदर्शन कर जातिवाद का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारी लघु सचिवालय पहुंचे और राष्ट्रपति को संबोधितज्ञापन सौंप कर आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग की।

शुक्रवार को एससी, एसटी, ओबीसी समाज एकता मंच के आह्वान पर कार्यकर्ता रानी तालाब पर एकत्रित हुए और बाबा साहेब की प्रतिमा के समक्ष रोष सभा की। कांग्रेस के जिला प्रधान रिषिपाल हैबतपुर ने कहा कि एडीजीपी आत्महत्या की घटना बताती है कि दलित अधिकारी तक सुरक्षित नही हैं। उन्होंने यूपी में हाल ही में एक दलित व्यक्ति की सरेआम हत्या का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा सरकार में कानून और संविधान को ताक पर रख कर जातीय भेदभाव किया जा रहा है। वहीं एससी, एसटी, ओबीसी समाज एकता मंच के नेता धर्मपाल सिंहमार, कमल चौहान, एडवोकेट सुनील बामनिया, राजेश पहलवान, सुखीराम धरौदी ने कहा कि वर्तमान शासन में सरकारी विभागों एवं निजी संस्थानों में भी दलितों व पिछड़ों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह केवल एक वर्ग का नही बल्कि पूरे समाज का अपमान है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डा. वजीर चौहान, सुभाष भौंसला, रविंद्र शास्त्री, संदीप जाजवान, कपूर सिंह ने भाजपा सरकार और मौजूदा सामाजिक परिस्थितियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। इसके बाद जुलूस की शक्ल में प्रदर्शनकारी लघु सचिवालय पहुंचे। ज्ञापन के माध्यम से मांग उठाई कि इस मामले में जितने भी आरोपियों के नाम आएं हैं, उनको तुरंत प्रभाव से पदों से हटा कर गिरफ्तार किया जाए।

वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन को काफी समय से प्रताडि़त किया जा रहा था, उनकी प्रमोशन भी देरी से की गई। जातिगत तौर पर उसके साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी आजाद भारत में जाति देखकर भेदभाव किया जा रहा है। वहीं सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले तथाकथित संकुचित मानसिकता के वकील के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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