नालंदा, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले के शिक्षा विभाग में वित्तीय अनियमितता का मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कार्यालय में कार्यरत लिपिक फणी मोहन पर सरकारी राशि 19,338 रुपये गबन करने का आरोप प्रमाणित पाया गया था। इस आधार पर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक,
पटना प्रमंडल ने उन्हें 3 सितंबर 2025 को
निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के अधीन कर दिया था। लेकिन महज दस दिनों के भीतर (जिसमें तीन दिन अवकाश भी शामिल थे) फणी मोहन को निलंबन से मुक्त कर दिया गया है।
आरोप है कि उन्होंने बिना आदेश की प्रतीक्षा किए केवल 1,830 की आंशिक राशि कोषागार में जमा कर
एक आवेदन दिया और इसी आधार पर उन्हें बहाल कर दिया गया है । इस निर्णय ने विभाग की कार्यप्रणा ली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिकायतकर्ता ओं का कहना है कि क्षेत्रीय शिक्षा उप नि देशक राज कुमार ने नियमों कीअनदेखी कर आरोपी को अनुचित लाभ पहुंचाया है।
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि —फणी
मोहन से पूरी गबन राशि की वसूली कर सरकारी कोष में जमा कराई जाए। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार को डंपग यार्ड (अकार्य विभाग) में स्थानांतरित कर कार्रवाई की जाए, और मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
इस पूरे प्रकरण पर शिक्षा विभाग ने भी संज्ञान लिया है। उप निदेशक (मा.शि .) नरेन्द्र कुमार ने पटना प्रमंडल का कार्यालय को पत्र जारी कर तीन दिनों के भीतर निलंबन वापसी से जुड़ी पूरी फाइल और अभि लेख विशेष दूत के मा ध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
