Madhya Pradesh

शिक्षा-संस्कृति रही है भारतीयता का आधार और वसुधैव कुटुम्बकम भारत की परम्परा : मंत्री परमार

उच्च शिक्षा मंत्री ने इंदौर के एसजीएसआईटीएस में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, सम्मान पत्र एवं विशेष पुरस्कार प्रदान किए

– उच्च शिक्षा मंत्री ने इंदौर के एसजीएसआईटीएस में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, सम्मान पत्र एवं विशेष पुरस्कार प्रदान किए

इंदौर, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है। भारत में 300 वर्ष पूर्व सात लाख गुरुकुल सहित उच्च शिक्षा संस्थान थे। उस दौर में 80 से 90 प्रतिशत साक्षरता थी। उस कालखण्ड में भारत में मेडिकल सहित इंजीनियरिंग और वास्तुविद् की शिक्षा दी जाती थी। नालंदा विश्वविद्यालय में सभी विषयों की शिक्षा दी जाती थी और यहां विद्यार्थी दूर-दूर से पढ़ने आते थे। उस दौर में भारत में शिक्षा का स्तर बहुत ऊँचा था। शिक्षा और संस्कृति भारतीयता का आधार था। वसुधैव कुटुम्बकम् की हमारी परम्परा थी और भारत को विश्वगुरु के रूप में सम्मान प्राप्त था।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार बुधवार को इंदौर के श्री गोविंदराम सेक्सरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआईटीएस) में ग्रेजुएशन एवं गोल्ड मेडल सेरेमनी (उडान-2025) कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलगुरु प्रो. राजीव त्रिपाठी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई, राजा भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल के कुलगुरु प्रो. मिलिंद दांडेकर (मराठे), संस्थान के पूर्व छात्र पद्मश्री प्रो. डीबी फाटक, संस्थान के निदेशक प्रो. नीतेश पुरोहित और उद्योगपति एवं पर्सिसटेंट सिस्टम लिमिटेड के संस्थापक डॉ. आनंद देशपाण्डे विशेष रूप से उपस्थित थे।

मंत्री परमार ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति में नवाचार के क्रम को बनाये हुए हैं। उच्च शिक्षा, आयुष एवं तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में हमारे पूर्वजों और भारतीय परम्परा के ज्ञान को लगातार जोड़ा जा रहा है। साथ ही उन गलत तथ्यों को हटाया जा रहा है, जिसे अंग्रेजों ने जोड़-मरोड़कर भारत का गलत इतिहास लिखा था। भारत का अतीत गौरवमय और उज्ज्वल रहा है। भारत कभी भी गरीब देश नहीं रहा। यदि ऐसा होता तो यूनान से लेकर अफगानिस्तान के लुटेरे भारत को लुटने क्यों आते? भारत सोने की चिड़िया था, आज भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द वह तीसरी अर्थव्यवस्था की दस्तक देगा। 2047 में भारत विकसित राष्ट्र के साथ विश्वगुरु के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अमेरिका द्वारा लगाये गए टैरिफ से भी भारत की अर्थव्यस्था को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

परमार ने कहा कि एसजीएसआईटीएस इंदौर नवाचार का केन्द्र बना हुआ है। यहां लगातार नवाचार हो रहे हैं। यह संस्थान केवल इंदौर का ही नहीं प्रदेश और देश का गौरव है। यह ऐसा उच्च शैक्षणिक संस्थान है जिसने भारतीयता को कभी भी नहीं छोड़ा है और हमारी ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाया है। इस मौके पर मंत्री परमार ने शैक्षणिक सत्र-2023-24 एवं 2024-25 के उत्कृष्ठ विद्यार्थियों को विभिन्न स्वर्ण पदक, सम्मान पत्र एवं विशेष पुरस्कार प्रदान किये। मंत्री श्री परमार ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि हमें रुकना नहीं है और आगे बढ़ना है। अपने ज्ञान और अनुभव से भारत का नाम पूरे विश्व में फैलाना है।

कार्यक्रम में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रोफेसर राकेश सिंघई ने सभी मेडल प्राप्त छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आपका भविष्य भी उज्जवल रहे। आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिये आप में सामर्थ्य पैदा हो, इसके लिये मेरी और से शुभकामनाएं। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलगुरू प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने कहा कि मेडल प्राप्त विद्यार्थी की समाज और राष्ट्र के प्रति जो जिम्मेदारियां है वे उसे अवश्य पूरा करेंगे, ऐसी मेरी कामना है।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नितेश पुरोहित ने कहा कि उड़ान-2025 केवल प्रमाण-पत्र वितरण का कार्यक्रम नहीं होकर यह विद्यार्थियों की उपलब्धियों और संस्थान की अकादमिक उत्कृष्ठता का उत्सव है। इस वर्ष एक हजार से अधिक स्नातक एवं स्नात्तकोतर विद्यार्थियों ने समारोह हेतु पंजीयन कराया था, जो संस्था की लोकप्रियता एवं विश्वास का प्रमाण है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संस्थान के फैकल्टी, भूतपूर्व छात्र-छात्राएं और उनके परिजन उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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