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ईडी ने झारखंड और बंगाल के 44 ठिकानों पर की छापेमारी, 14 करोड़ से अधिक के नकदी-जेवर जब्त

जप्त रुपये और जेवरात

– ईडी जांच में खुलासा: पश्चिम बंगाल में बिना वैध कागजात के झारखंड से होती थी अवैध कोयला की आपूर्ति

रांची, 22 नंवबर (Udaipur Kiran) । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन, चोरी, परिवहन, स्टॉक और बिक्री से जुड़े एक विशाल सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। यह सिंडिकेट मुख्य रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय था। ईडी ने इस मामले में दोनों राज्यों में 44 परिसरों पर सघन छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी ने 14 करोड़ से अधिक की नकदी, आभूषण, और सोना जब्त किया। साथ ही, कोयला सिंडिकेट से जुड़ी संपत्ति के दस्तावेज, भूमि की खरीद-बिक्री के पेपर और कई डिजिटल उपकरण सहित पर्याप्त मात्रा में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए।

ईडी ने शनिवार को बताया कि उनकी जांच झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से दर्ज कई एफआईआर पर आधारित है। इन एफआईआर से संकेत मिला था कि पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा पर एक विशाल और संगठित नेटवर्क काम कर रहा है। जांच में यह अहम जानकारी सामने आई है कि यह रैकेट बिना किसी वैध कागजात के झारखंड राज्य से भारी मात्रा में कोयले की अवैध आपूर्ति पश्चिम बंगाल में कर रहा था।

ईडी के बयान में कहा गया है कि तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों ने एफआईआर में लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है। ईडी ने यह भी पुष्टि की है कि यह रैकेट स्थानीय अधिकारियों की कथित मदद से संचालित हो रहा था।

यह सिंडिकेट सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहद सक्रिय है और अपराध से बड़ी आय अर्जित कर रहा था। अवैध नकदी संग्रह और उनके लाभार्थियों का विवरण रखने वाली विभिन्न डायरियां और रजिस्टर भी बरामद किए गए हैं।

दोनों राज्यों में 44 ठिकानों पर छापेमारी

ईडी के 100 से अधिक अधिकारी सीआरपीएफ कर्मियों के साथ इस व्यापक तलाशी अभियान में शामिल थे।

झारखंड में धनबाद और दुमका में स्थित 20 परिसरों पर छापेमारी की गई। ये परिसर मुख्य रूप से निम्नलिखित व्यक्तियों और उनसे जुड़ी कंपनियों से संबंधित थे।

– लाल बहादुर सिंह

– अनिल गोयल

– संजय खेमका

– अमर मंडल

वहीं, पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में स्थित 24 परिसरों पर तलाशी ली गई। इनमें विभिन्न आवासीय परिसर, कार्यालय, अवैध टोल संग्रह बूथ और कोक फैक्ट्रियां शामिल थीं।

ये परिसर इन लोगों से जुड़े थे

– नरेंद्र खड़का

– कृष्ण मुरारी कयाल

– युधिष्ठिर घोष

– राज किशोर यादव

– लोकेश सिंह

– चिन्मय मंडल

– नीरद बरन मंडल

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे