
कोलकाता, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के कारागार एवं लघु कुटीर उद्योग मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा को शिक्षक नियुक्ति घोटाले से जुड़े मामले में हिरासत में लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बैंकशाल स्थित विशेष अदालत में आवेदन किया।
ईडी ने अदालत को बताया कि मंत्री के घर से 41 लाख नकद, मोबाइल फोन और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए थे। ईडी के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि वर्ष 2024 में बोलपुर स्थित चंद्रनाथ सिन्हा के आवास पर छापेमारी के दौरान बरामद रकम के स्रोत की वह स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए थे। उनका दावा था कि यह राशि कृषि और फसल से हुई आमदनी की है, लेकिन आयकर रिटर्न और अन्य दस्तावेजों में इसकी पुष्टि नहीं हुई। मंत्री द्वारा कई लेन-देन और पैसों के स्रोत को छुपाया गया।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि 25 सितंबर को मुरारई स्थित भूमि अधिकारी के दफ्तर से जब्त दस्तावेजों में कृषि आय और वास्तविक आय में भारी विसंगतियां पाई गईं। कई जरूरी कागजात मांगे जाने के बावजूद मंत्री ने समय पर उन्हें प्रस्तुत नहीं किया और चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही जल्दबाजी में दस्तावेज सौंपे। चंद्रनाथ सिन्हा ने बताया है कि उन्होंने कृषि और रियल एस्टेट से आय प्राप्त की है। मगर इसके पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं हैं। एजेंसी का आरोप है कि उनके खिलाफ और भी नगद लेन-देन की जानकारी मिली है, जिसके लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है। आगामी मंगलवार को इस मामले में निर्णय सुनाया जा सकता है।
वहीं, अदालत से बाहर निकलते हुए मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने पत्रकारों से कहा, “मेरे खिलाफ बहुत कुछ कहा जा रहा है लेकिन मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है और आगे भी रहेगा। मैं प्रभावशाली व्यक्ति नहीं हूं।” प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले से जुड़े इस मामले में ईडी पहले ही चंद्रनाथ सिन्हा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।———
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
