चंडीगढ़, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । पंजाब के बहुचर्चित अमरूद बाग व मुआवाजा घाेटाला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपितों की 9.87 कराेड़ की संपत्ति व अचल संपत्तियां और शेयर अस्थायी रूप से अटैच किए हैं। ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत विकास भंडारी, भूपिंदर सिंह, रितिका भंडारी, करम सिंह और गुरदीप सिंह के खिलाफ की गई है।
ईडी ने यह जांच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की उस एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें भूपिंदर सिंह, विकास भंडारी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि निजी व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से गुआवा के बागों का झूठा अस्तित्व दिखाकर मुआवजा हड़प लिया। यह भूमि ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) द्वारा एरोसिटी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट (आईटी सिटी, एसएएस नगर, मोहाली) के लिए अधिग्रहित की जानी थी। अधिक मुआवजा पाने के लिए आरोपितों ने कई हथकंडे अपनाए थे। जमीन पर जहां अमरूद के पेड़ मौजूद नहीं थे, वहां भी पेड़ दिखाए गए थे। पेड़ों का घनत्व, उम्र और संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई। राजस्व अधिकारियों और बागवानी विभाग के अफसरों की मिलीभगत से नकली रिकॉर्ड तैयार कराए और फर्जी रिपोर्ट बनवाई गई। इस तरह अवैध तरीकों से आरोपितों ने करोड़ों रुपये का मुआवजा हासिल किया था। ईडी ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि यह अटैचमेंट अस्थायी है और आगे की जांच के बाद मामले में और खुलासे हो सकते हैं। एजेंसी अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस घोटाले से जुड़ा पैसा किन-किन चैनलों और व्यक्तियों तक पहुंचा।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
