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जयपुर में दशहरे की तैयारियां शुरू, 55 फीट ऊंचा रावण बनेगा आकर्षण

राजधानी जयपुर में रावण के पुतले लेने लगे आकार
राजधानी जयपुर में रावण के पुतले लेने लगे आकार

जयपुर, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी जयपुर में दशहरा इस बार दो अक्टूबर को पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर के आदर्श नगर, शास्त्री नगर, मानसरोवर, प्रताप नगर, टोंक रोड, सोडाला, राजापार्क, गुर्जर की थड़ी और आतिश मार्केट सहित कई इलाकों में रावण और कुंभकरण के पुतलों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कारीगर बांस, कागज और कपड़े से विशालकाय पुतलों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। राहगीर इन रंग-बिरंगे पुतलों को देखकर ठहर जाते हैं और कारीगरों की मेहनत की सराहना करते हैं। बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ से दो सौ परिवार पुतला निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं।

महंगाई और बारिश बनी चुनौती

कारीगर पप्पू गुजराती ने बताया कि इस बार उनके सामने सबसे बड़ी मुश्किल मौसम और महंगाई है। मौसम विभाग ने अधिक बारिश की संभावना जताई है, जिससे तैयार पुतलों को सुरक्षित रखना कठिन हो सकता है। वहीं लागत बढ़ने से कारीगरों की चिंता और बढ़ गई है। पहले जहां एक बांस 100 रुपये में मिल जाता था, अब उसकी कीमत 150 से 200 रुपये हो गई है। रावण के पुतले बनाने में पुराने अखबार की रद्दी का विशेष महत्व होता है। पहले यह रद्दी 10 रुपये प्रति किलो मिलती थी, लेकिन अब इसकी कीमत लगभग तीन गुना बढ़ चुकी है। एक पुतला बनाने में 30 से 35 किलो तक अखबार की रद्दी लग जाती है, जिससे लागत और बढ़ जाती है।

कारीगर जगदीश महाराज के अनुसार महंगाई की वजह से इस बार पुतलों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। छोटे पुतले 3 से 5 हजार रुपये तक, जबकि बड़े पुतले 20 से 50 हजार रुपये तक बिकने की उम्मीद है। जयपुर में इस बार 250 रुपये से लेकर 60 हजार रुपये तक के पुतले बनाए जा रहे हैं। सबसे ऊंचा 55 फीट का पुतला करीब 60 हजार रुपये का है। बच्चों के लिए 250 से 300 रुपये तक के छोटे और आकर्षक पुतले भी तैयार किए जा रहे हैं।

महंगाई और बारिश की आशंका के बावजूद जयपुरवासी उत्साहित हैं। मानसरोवर, झोटवाड़ा, आदर्श नगर और विद्याधर नगर सहित शहर के विभिन्न इलाकों में भव्य रावण दहन कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजन समितियों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं और लोग असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक यह पर्व मनाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कारीगरों और कारोबारियों को इस बार दशहरे से बड़ी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि पुतलों की अच्छी बिक्री होने पर वे दिवाली के बाद अपने परिवार की बहन-बेटियों की शादियों और अन्य आवश्यकताओं की तैयारी कर सकेंगे।

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(Udaipur Kiran)

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