
जयपुर, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । इस बार नवरात्र में तिथि की वृद्धि होने से दुर्गा अष्टमी का पूजन 30 सितंबर (मंगलवार ) को और महानवमी एक अक्टूबर बुधवार को मनाई जाएगी।
पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि नवरात्र में अष्टमी,नवमी व दशमी तिथि का महत्व अधिक माना गया है । अष्टमी और नवमी तिथियों में उपवास करने पर नवरात्र का फल मिल जाता हैं। अष्टमी और नवमी के दिन हवन और कन्या पूजन जरूर करना चाहिए । दशहरा के दिन रावण दहन प्रदोष काल में सूर्यास्त के बाद किया जाता हैं। दशहरा स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त हैं। पूजा अनुष्ठान के लिए दशहरा का धार्मिक महत्व हैं। इस पावन दिन लोग भगवान राम की पूजा करते हैं। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत होती हैं। इसी दिन राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा ने विजय प्राप्त की थी । इसलिए इस दिन को विजयादशमी कहा जाता है । विजयदशमी दशहरा 2 अक्टूबर (गुरुवार) को हैं । इस दिन गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, भूमि- भवन, वाहन, आभूषण, क्रय विक्रय कर सकते हैं । गुरुवार को नवरात्रोत्थापन हो जाएगा ।
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(Udaipur Kiran)
