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दुर्गा लाल साह लाइब्रेरी के नवीनीकरण में धन की बर्बादी मामले में नगर पालिका से जवाब तलब

नैनीताल, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में स्थित ऐतिहासिक दुर्गा साह नगर पालिका पुस्तकालय के नवीनीकरण कार्य में हुई अनियमितताओं और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और नगर पालिका परिषद नैनीताल से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद पुस्तकालय की इमारत खस्ताहाल है और कभी भी ढह सकती है। मामले की शुरुआत 25 अगस्त 2025 को अमर उजाला में प्रकाशित एक रिपोर्ट के प्रकाशन से हुई। रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था कि वर्ष 2016 में नगर के हेरिटेज भवनों की मरम्मत के क्रम में पुस्तकालय के जीर्णोद्धार की पहल हुई। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की ओर से लगभग 1.50 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण के बाद वर्ष 2023-24 में यह पालिका को हस्तांतरित हुआ। लेकिन कार्य पूरा होने के कुछ ही समय बाद भवन की स्थिति खराब हो गई। इस पर उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग, जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल और नगर पालिका परिषद को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया। दुर्गा साह पुस्तकालय का निर्माण 1933-34 में दानदाता मोहन लाल साह के सहयोग से हुआ था। यहां दुर्लभ और बहुमूल्य पुस्तकें संग्रहित हैं। अदालत ने इस धरोहर को सुरक्षित रखने पर बल देते हुए कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों को बताना होगा कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी भवन की हालत क्यों बिगड़ गई। उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीर मानते हुए अगली सुनवाई तक सभी संबंधित विभागों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / लता

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