
प्रयागराज, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उप्र पुलिस विभाग द्वारा अपराधियों को सजा दिलाने के लिए चलाए जा रहे आपरेशन कन्वेशन के तहत प्रयागराज के मेजा पुलिस की प्रभावी पैरवी से अपहरण मामले में न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रयागराज ने आरोपित को दस वर्ष की कठोर कारावास से दण्डित किया। यह जानकारी पुलिस आयुक्त यमुनापार विवेक चन्द्र यादव ने दी।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज जिले के मेजा थाना क्षेत्र के बकचून्दा निवासी जंगबहादुर पुत्र भूवर आदिवासी के खिलाफ 18 अप्रैल वर्ष 2013 में धारा 363, 266, 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच के दौरान उक्त मुकदमा में धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट की बढ़ोत्तरी कर धारा—363 भारतीय दण्ड विधान का लोप किया गया व अभियुक्ता रंजना पत्नी स्वर्गीय खिन्नी लाल निवासिनी मरदहा थाना मेजा प्रयागराज का नाम प्रकाश में आया था।
इस सम्बंध में पुलिस टीम ने 8 मई 2013 को न्यायालय में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। पुलिस टीम द्वारा समन्वय स्थापित करके समयबद्ध साक्षियों का साक्ष्य कराकर प्रभावी पैरवी किये जाने फलस्वरूप मंगलवार को न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रयागराज ने आरोपित जंगबहादुर पुत्र भूवर आदिवासी निवासी बकचुन्दा थाना मेजा प्रयागराज को धारा 366 भादवि में 5 वर्ष का कठाेर कारावास व दस हजार रुपये का अर्थदण्ड एवं धारा-04 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 15 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा अभियुक्ता रंजना पत्नी स्वर्गीय खिन्नी लाल निवासिनी मरदहा थाना मेजा जनपद प्रयागराज को धारा-366 भादवि में 5 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
उल्लेखनीय है कि अभियुक्त जंगबहादुर उपरोक्त द्वारा अभियुक्ता रंजना की सहायता से वादी की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला कर भगा ले गया था ।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल