Chhattisgarh

समय पर आवश्यक खाद नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानी

खाद ले जाता हुआ किसान।

धमतरी, 26 जून (Udaipur Kiran) । किसानों के लिए डीएपी खाद का संकट उत्पन्न हो गया है। खेती-किसानी के समय में जिले के अधिकांश सोसायटियों में यूरिया और डीएपी खाद नहीं मिलने से किसान चिंतित हैं।

खरीफ सीजन देखते हुए किसानों के समय पर खाद-बीज की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए सोसायटियों में भंडारण तो कराया जा रहा है लेकिन वहां यूरिया व डीएपी की भारी कमी बनी हुई है। मांग के अनुसार जिले में डीएपी की सप्लाई नहीं होने से किसानों को समितियों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। अंत में उन्हें बगैर डीएपी खाद के खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। हालांकि डीएपी यूरिया खाद के अभाव के चलते किसानों को वैकल्पिक खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है लेकिन किसान इसमें रुचि नहीं दिखा रहे। स्थिति यह है कि मजबूरी में किसानों को यूरिया और डीएपी खाद बाहर से महंगे दामों मे खरीदनी पड़ रही है। समय पर सोसाइटियों में खाद नहीं होने से निजी कीटनाशक दुकानों से किसानों को मजबूरी में खाद खरीदनी पड़ रही है। जानकारी के अनुसार कृषि केंद्रों में डीएपी का 1600 रुपये में बिक रहा, जबकि सोसायटियों में इसके दाम 1350 रुपये है। यूरिया साढ़े 266 रुपये , पोटाश 1535 रुपये, सुपर फास्फेट 510 रुपये व सुपर जिंक 495 रुपये प्रति बैग में मिल रही है। इधर कृषि केंद्रों में जिंक सल्फेट 650 रुपये में यूरिया 300 रुपये सुपर फास्फेट 600 रुपये में बिक रहा। किसानों को महंगे दामों में खाद व बीज खरीदने से किसानी की लागत बढ़ रही है।

मानसून का सीजन प्रारंभ होते ही किसान खरीफ फसल की खेती में जुट गए हैं, सहकारी समितियों (सोसाइटी) से डीएपी खाद नहीं मिलने से निजी कृषि दवा दुकानों से महंगे दाम चुकाकर डीएपी फर्टिलाइजर खरीदना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि सरकार को सोसाइटियों में खाद उपलब्ध कराना चाहिए। सहकारी समितियाें में जो डीएपी फर्टिलाइजर 11 सौ रुपये से 13 सौ रुपये तक किसानों को उपलब्ध होते थे, उसे किसान अब मजबूरी में निजी दुकानों से 19 सौ से दो हजार रुपये तक खरीदने को मजबूर है, जबकि शासकीय सहकारी समितियां के गोदाम खाली पड़े है, तो निजी दुकानों में स्टाक फुल है, जिसका फायदा उठाकर दुकानदार जमकर डीएपी खाद की मुनाफाखोरी में लगे हुए हैं। किसान लेखराज साहू ने बताया कि डीएपी महंगा होने की वजह से उन्होंने इसका उपयोग बंद कर दिया है। पहले बोर में डीएपी खाद आती थी, अब बोतल में लिक्विड डीएपी खाद प्रति बोतल 600 रुपये में सोसाइटी से खरीदे जा सकते हैं, जिसका उपयोग स्प्रे के रूप में किया जाता है काफी महंगा पड़ता है।

नयापारा निवासी किसान सुनील मरकाम ने बताया कि समिति में राखड़ और यूरिया खाद मिल रहा है पर डीएपी उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से कृषि दवा विक्रेताओं से 1950 रुपये में प्रति बोरा डीएपी खाद खरीदना पड़ रहा है, जबकि यही खाद सोसाइटी से 1250 रुपये में खरीदा था। किसान बिसाहू राम ने सोसाइटी से कर्ज के रूप में खरीदे गए डीपीएम यूरिया खाद की रसीद दिखाते हुए बताया कि पहले 1244 में डीएपी और 298 रुपये में यूरिया फर्टिलाइजर खरीदा था अब डीएपी खाद सहकारी सेवा समितियां में उपलब्ध नहीं है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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