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ई रिक्शा खरीदने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–लाइसेंसी को ही ई रिक्शा बेचने का सहायक आरटीओ का आदेश रद्द

प्रयागराज, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । ई रिक्शा की बिक्री को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ई रिक्शा या ई-कार्ट की खरीद-बिक्री के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) लेना अनिवार्य नहीं है।

कोर्ट ने कहा मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 8-ए के तहत केवल ई रिक्शा चलाने के लिए प्रशिक्षण जरूरी है, न कि खरीदने या बेचने के लिए। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने मेरठ की हिंद सर्विसेज नामक डीलर फर्म की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने यह तर्क रखा कि सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, मेरठ द्वारा जारी आदेश, जिसमें केवल ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्तियों को ही ई-रिक्शा बेचने की अनुमति दी गई थी, नियमों के विरुद्ध है।

तर्क दिया कि नियम 8-ए केवल ई-रिक्शा चलाने के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण की बात करता है और कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि बिना प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के कोई व्यक्ति ई-रिक्शा खरीद नहीं सकता। उन्होंने यह भी बताया कि नियमों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है जो गैर-प्रमाणपत्र धारकों को ई-रिक्शा खरीदने से रोकता हो।

कोर्ट ने सम्बंधित आदेश के उस भाग को निरस्त कर दिया जिसमें कहा गया था कि ई-रिक्शा की बिक्री केवल ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रेनिंग प्रमाणपत्र धारकों को ही की जाए। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि प्राधिकरण नियम 8-ए को लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन ई-रिक्शा की बिक्री केवल प्रमाणपत्र धारकों तक सीमित नहीं की जा सकती। यह निर्णय उत्तर प्रदेश में ई रिक्शा व्यापारियों और आम जनता दोनों के लिए राहत भरा है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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