
रायगढ़ 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । शहर का मरीन ड्राइव इन दिनों खुलेआम शराबखोरी का अड्डा बन चुका है। सुबह 10 बजे से लेकर देर शाम तक सड़क किनारे शराबियों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि दिन के उजाले में भी लोग इस मार्ग से गुजरने से कतराने लगे हैं।
मरीन ड्राइव के नीचे स्थित कुछ चखना दुकानों के आसपास शराबियों का स्थायी ठिकाना बन गया है। यहां दिनदहाड़े लोग खुलेआम शराब पीते नजर आते हैं। खास बात यह है कि मरीन ड्राइव के ऊपर मुख्य मार्ग स्थित है, जहां से जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी नियमित रूप से गुजरते हैं। बावजूद इसके शराबियों में किसी भी तरह का भय नहीं दिखता।
शहरवासियों का कहना है कि चखना दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे माहौल और अधिक बिगड़ता जा रहा है। बेलादुला मार्ग के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक यही स्थिति देखने को मिलती है। नगर निगम की दुकानों के अंदर भी शराबखोरी चरम पर है, जिससे पुलिस की गश्त और कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
रात के समय मरीन ड्राइव में स्ट्रीट लाइटें बंद रहती हैं, जिससे पूरा इलाका अंधेरे में डूब जाता है। इसी का फायदा उठाकर शराबी और असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं। विशेषकर केलो ब्रिज के नीचे और नालंदा परिसर के आसपास यह स्थिति और अधिक गंभीर हो जाती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस कभी-कभार जांच करती है, लेकिन नियमित गश्त नहीं होने की वजह से शराबियों में किसी भी तरह का डर नहीं है। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि मरीन ड्राइव क्षेत्र में नियमित पुलिस गश्त, चखना दुकानों पर नियंत्रण और स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके।
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(Udaipur Kiran) / रघुवीर प्रधान
