Haryana

नारनौल: नागरिक बेसहारा शिशु को पालना केंद्र में छोड़े : डॉ विवेक भारती

डा विवेक भारती

नारनौल, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । अभिभावक अगर किसी भी वजह से शिशु नहीं अपनाना चाहते या शिशु को पालने में असमर्थ हैं या व्यक्ति या संस्था को परित्यक्त, लावारिस अवस्था में शिशु मिलता है तो वह उसे इधर-उधर न छोड़ें। नागरिक बिना पहचान बताए उसे सुरक्षित रूप से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में स्थापित शिशु पालना केंद्र में छोड़ सकते हैं।

उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने सोमवार को बताया कि इस प्रकार के बच्चों के लिए सिविल अस्पताल महेंद्रगढ़, सिविल अस्पताल नारनौल व सीएचसी नांगल चौधरी, कनीना, अटेली एवं बाल भवन में पालन केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन स्थानों से बच्चों को सुरक्षित रूप से प्राप्त करके अन्य भावी दत्तक माता-पिता को कानूनी रूप से गोद दिया जा सकता है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी संगीता यादव ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मिशन वात्सल्य के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा चलाई गई शिशु पालना केंद्र वह पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य शिशु की जीवन रक्षा के साथ-साथ उसको एक कानूनी रूप से नया परिवार दिलाना और सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि असहाय एवं बेसहारा बच्चों को स्थाई रूप से गोद लेने के लिए बाल कल्याण समिति द्वारा कानूनी रूप से बच्चे को दत्तक ग्रहण के लिए मुक्त किया जाता है।

(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला

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