
-बच्चों के लिए सुरक्षित और खुले खेल स्थलों की आवश्यकता पर जोर
रायपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डाॅ. वर्णिका शर्मा ने राज्य के नगरीय क्षेत्रों में बच्चों के घटते हुए खेल के मैदानों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने 9 सितम्बर काे प्रदेश के सभी कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त व मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अनुशंसा पत्र जारी करते हुए लिखा है कि नगरीय क्षेत्रों में खुले स्थानों/मैदानों का आमतौर पर व्यवसायिक उपयोग किया जाता है। दूसरी ओर यह भी पाया जा रहा है कि बच्चों में मोबाइल की लत बड़े पैमाने पर विकसित हुई है, जिसकी रोकथाम का एक कारगर उपाय बच्चों को खुले मैदान में खेले जाने के अवसर प्रदान करना है।
डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज साेमवार काे कहा है कि अनुशंसा की गई है कि बच्चों के खेल के मैदान जैसे–शाला से जुड़े मैदान आदि पर किसी भी प्रकार के व्यवसायिक उपयोग जैसे चौपाटी आदि के विकास की अनुमति प्रदान न की जाए। इन मैदानों को बच्चों के खेलने के लिए ही आरक्षित सुरक्षित रखा जाए। नगरीय क्षेत्र में जहां भी बच्चों के खुले में खेलने के लिए मैदान या क्षेत्र उपलब्ध है वहां नगरीय निकायों व जिलास्तर पर उपलब्ध अन्य धन राशि से अधिक से अधिक खेल की सुविधाएं विकसित की जाए।
उन्हाेंने बताया कि नगरीय क्षेत्र में जहाँ भी बच्चों के खुले में खेलने के लिए मैदान या क्षेत्र उपलब्ध है वहाँ नगरीय निकायों तथा जिला स्तर पर उपलब्ध अन्य धन राशि से अधिक से अधिक खेल की सुविधाएं विकसित की जायें। खेल की सुविधाएं विकसित करते समय बहुआयामी खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायें , जिससे सभी प्रकार के खेलों के प्रतिभाशाली बच्चों को अवसर मिल सके । यह प्रयास किया जाये कि शहर के भीतर प्रत्येक एक किलोमीटर के दायरे में बच्चों के लिए खेल का मैदान व इंडोर खेल का परिसर उपलब्ध हो ।
नवीन आवासीय काॅलोनियों के निर्माण की अनुमति देते समय उसमें बच्चों के खेल के मैदान जिसमें बहुआयामी खेलों की सुविधा हो, का निर्माण व विकास करवाना काॅलोनाईजर के लिए अनिवार्य किया जाये। बच्चों के खेल के मैदान में यदि कोई भी अतिक्रमण हो तो उसे तत्काल हटाते हुए स्वच्छ खेल मैदान बच्चों को उपलब्ध कराया जाये । उन्होंने अनुशंसा पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करते हुए आयोग को अवगत कराने का भी लेख किया है।
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(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल
