
जम्मू, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता डॉ. ताहिर चौधरी ने एक कड़े शब्दों में बयान जारी कर सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) जम्मू में हुई हिंसक घटना की निंदा की जिसमें एक मरीज के तीमारदार ने जूनियर डॉक्टरों पर हमला किया।
मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर एक में सुबह करीब 11:30 बजे हुई इस घटना ने चिकित्सा समुदाय और आम जनता को स्तब्ध कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार 11 जुलाई को गंभीर ब्रेन हेमरेज के साथ भर्ती हुए मरीज राजिंदर कुमार की मौत के बाद उनके तीमारदार ने कथित तौर पर हिंसक रूप धारण कर लिया और दो जूनियर डॉक्टरों डॉ. आयुषी और डॉ. रुचिका पर सबके सामने शारीरिक हमला किया। कथित लापरवाही के कारण हुई इस चौंकाने वाली घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने तुरंत हड़ताल कर दी जिसके कारण ओपीडी इन-पेशेंट केयर और यहाँ तक कि आपातकालीन सेवाएँ भी बंद कर दी गईं।
हालाँकि अस्पताल प्रशासन ने गंभीर देखभाल के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों को तैनात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन कुल मिलाकर मरीजों का इलाज बुरी तरह बाधित रहा। इस घटना की एक प्राथमिकी दर्ज की गई और भारतीय चिकित्सा संघ तथा जम्मू डॉक्टर्स एसोसिएशन सहित चिकित्सा संघों ने कड़ी निंदा की।
डॉ. ताहिर चौधरी ने कहा हमारे चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ इस तरह की हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हमारे जूनियर डॉक्टर हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं और उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। जीएमसी जम्मू में हुई क्रूरता न केवल चिकित्सा पेशे की अखंडता को कमजोर करती है बल्कि रोगी देखभाल की गुणवत्ता को भी खतरे में डालती है। हम अधिकारियों से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं ताकि यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डॉ. चौधरी ने सरकार से भविष्य में हमलों को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया और कहा कि हमारे चिकित्सा कर्मचारियों के जीवन और सम्मान की रक्षा करना वैकल्पिक नहीं है – यह आवश्यक है। केवल तभी जब डॉक्टर सुरक्षित महसूस करेंगे वे बिना किसी डर के मरीजों की सेवा कर सकते हैं।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए खासकर संकट के समय में महत्वपूर्ण है।
जैसे-जैसे जाँच जारी है और जूनियर डॉक्टर न्याय की माँग को लेकर हड़ताल पर हैं डॉ. चौधरी की टिप्पणी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर व्यापक राष्ट्रीय चिंता के अनुरूप है।
जवाबदेही और बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए उनका आह्वान चिकित्सा पेशेवरों के अधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि जनता को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ मिलती रहें।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
