
मुरादाबाद, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) । यदि चंद डॉक्टर आतंकवादी घटना में लिप्त पाए गए हैं और कोर्ट द्वारा उन्हें दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
एक डॉक्टर द्वारा इस प्रकार का क्राइम करना जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। सजा भी ऐसी जो कि मिसाल बन जाए। भविष्य में भी कोई इस प्रकार का क्राइम करने से पहले हजार बार सोचे। यह बातें रविवार को सपा संसदीय दल के पूर्व नेता मुरादाबाद निवासी डॉ एसटी हसन ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहीं।
डॉ एसटी हसन ने कहा कि एक चिकित्सक का फर्ज होता है कि वह मरीज की जिंदगी किस प्रकार बचाए। इलाज करते समय वह हिंदू-मुस्लिम नहीं देखता है। मरीज को बचाने में वह अपना सौ प्रतिशत लगा देता है। मकसद सिर्फ एक होता है मरीज की जान बचाना।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल