
– पाथरकांदी की 15,671 महिलाओं ने 10 हजार रुपये की उद्यमिता पूंजी का चेक हासिल किया
– उद्यमिता पूंजी के सही उपयोग के लिए महिलाओं को मुख्यमंत्री का आह्वान
– गरीब और मध्यम वर्ग की भलाई के लिए हर संभव मदद देने के लिए हम तैयार : मुख्यमंत्री
श्रीभूमि (असम), 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य की नारी समाज को सशक्तिकरण के जरिए उन्हें परिवर्तन के वाहक के रूप में ढालने के प्रयास के तहत मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने साेमवार काे मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता योजना के तहत पथरकांदी विधानसभा क्षेत्र के आत्म-सहायता समूह के सदस्यों को चेक प्रदान करने की शुभारंभ की। कार्यक्रम में पथरकांदी क्षेत्र के 15,671 आत्म-सहायता समूह के सदस्यों को 10 हजार रुपये के चेक प्रदान किए गए। इसमें से 8,429 हितग्राही लवाईरपुवा विकास खंड के और 7,242 हितग्राही पथरकांदी विकास खंड के अंतर्गत आते हैं।
इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता योजना के तहत प्राप्त 10 हजार रुपये की उद्यमिता पूंजी का उपयोग कर महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें और परिवार के विकास की दिशा में मदद के लिए प्रयासरत रहें। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस राशि का अपने व्यक्तिगत उत्पादक कार्य में उपयोग कर सकती हैं या आत्म सहायता समूह की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर इस पूंजी का उपयोग व्यापारिक गतिविधियों में कर सकती हैं। यदि उद्यमी महिलाएं चाहें तो वे इस पूंजी का उपयोग अपने परिवार के किसी सदस्य के व्यवसाय में भी कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमिता पूंजी बढ़ाने की प्रक्रिया यहां समाप्त नहीं हुई है। आने वाले वर्ष में राज्य सरकार इस 10 हजार रुपये की उद्यमिता पूंजी का महिलाएं किस प्रकार उपयोग कर रही हैं, इस संदर्भ में एक सर्वेक्षण करेगी और यदि इस धन का सही उपयोग किया गया तो महिलाएं फिर से 25 हजार रुपये प्राप्त करेंगी। इस 25 हजार रुपये में 12,500 रुपये राज्य सरकार देगी और शेष 12,500 रुपये बैंक के जरिए प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, यदि इस पूंजी का सही उपयोग किया गया तो सरकार अगले चरण में 50 हजार रुपये प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल तीन चरणों में आत्मसहायता समूह की महिलाओं को 85 हजार रुपये प्राप्त होंगे। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने आज उद्यमिता पूंजी का चेक प्राप्त करने वाली महिलाओं से अपील की कि इस धन का अनुप्रासात्मक कार्यों में उपयोग न करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि महिलाएं प्रारंभिक पूंजी के रूप में प्राप्त की गई इस 10 हजार रुपये का सही उपयोग करेंगी तो उन्हें अगले चरण की धनराशि अवश्य मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 17 सितंबर से अरुणोदय 3.0 योजना का कार्य राज्य सरकार द्वारा शुरू किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को 1,250 रुपये देने के अलावा रसोई गैस के सिलेंडर खरीदने के लिए 250 रुपये की सहायता प्रदान करने का भी प्रावधान है। उन्होंने यह भी कहा कि एक नवंबर से राशन कार्ड के माध्यम से बाजार से कम दर पर दाल, चीनी और नमक प्रदान करने का कदम राज्य सरकार शुरू करेगी। परिवारों को सहारा देने के उद्देश्य से पूर्व में किसी अन्य सरकार ने इस प्रकार की योजना अपनाई थी या नहीं, यह सवाल करते हुए मुख्यमंत्री ने जनसामान्य का आशीर्वाद मांगा।
उन्होंने कहा कि जनसामान्य के आशीर्वाद के बल पर राज्य सरकार इस प्रकार के कल्याणकारी कार्य करने के लिए दोगुना उत्साह प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा- ‘आप लोग हमें आशीर्वाद दीजिए, गरीब और मध्यवर्ग के लोगों की भलाई के लिए जितना संभव हो सके, हम हर प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।’ मुख्यमंत्री ने छात्रों की शिक्षा के लिए शुरू की गयी ‘निजुत मोइना योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हाईस्कूल अंतिम परीक्षा के परीक्षार्थियों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री खरीदने की सुविधा के लिए प्रतिमाह 300 रुपये देने की योजना भी सरकार ने अपनाई है।
कार्यक्रम में खाद्य, राशन वितरण और ग्राहक परिक्रमा आदि विभाग के मंत्री कौशिक रॉय, पशुपालन और पशु चिकित्सा आदि विभाग के मंत्री कृष्णेंदु पाल, सांसद कृपानाथ मल्लाह, विधायक विजय मालाकार, सिद्दिक अहमद, कमलाक्ष दे पुरकायस्थ, असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक कुंभलमणि शर्मा बोरदलोई, श्रीभूमि के जिला आयुक्त प्रदीप कुमार द्विवेदी, गण्यमान्य व्यक्ति और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।————————-
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
