Chhattisgarh

गरबा स्थल में मुस्लिम युवा गलत इरादे से न करें प्रवेश  : डॉ. सलीम राज

डॉ. सलीम राज
जारी आदेश की सूची

रायपुर 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हिंदू धर्म के प्रमुख पर्व नवरात्रि पर यदि कोई मुस्लिम युवा गरबा स्थल पर आयोजकों से अनुमति लेकर हिंदुओं की पारंपरिक वेशभूषा पहनकर गरबा खेलता है, तो किसी को आपत्ति नहीं होगी, लेकिन गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास करता है तो वह हिंदुओं की भावनाओं को आहत करता है। इससे सामाजिक सौहार्द्र को ठेस पहुंच सकती है। यह कहना है छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज का।

डाॅ.राज ने आज मंगलवार काे एक आदेश जारी कर कहा कि नवरात्रि पर्व पर मुस्लिम युवाओं से अपील की है कि वे गरबा स्थलों में प्रवेश न करें। नवरात्रि हिंदू समाज का एक महत्वपूर्ण एवं पवित्र पर्व है, जिसमें माता जगदंबा की आराधना की जाती है और करोड़ों श्रद्धालु आस्था के साथ गरबा एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।

उन्हाेंने कहा कि गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है। यह देवी दुर्गा की आराधना हेतु किया जाने वाला भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है। यदि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता है तो उन्हें गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा व परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर भाग लेना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी। किंतु गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करता है, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुँच सकती है।

डाॅ.सलीम राज ने मुस्लिम युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें और प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ में शांति, भाईचारे और सद्भाव बनाए रखें। इस्लाम शांति का प्रतीक है और हमें हर हाल में प्रदेश में अमन-चैन व भाईचारे को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल

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