Jammu & Kashmir

डॉ. प्रदीप महोत्रा ​​ने सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल जम्मू में जय शिरोमणि बाबा कालीवीर जी ट्रस्ट द्वारा आयोजित लंगर प्रसाद वितरण कर किया उद्घाटन

जम्मू, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर भाजपा के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप महोत्रा ​​ने जय शिरोमणि बाबा कालीवीर जी ट्रस्ट, रेशम घर द्वारा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल जम्मू में आयोजित लंगर प्रसाद वितरण का उद्घाटन किया। इस नेक पहल का उद्देश्य सनातन धर्म की शिक्षाओं से प्रेरित लंगर सेवा की सदियों पुरानी परंपरा को जारी रखते हुए रोगियों और उनके परिचारकों को स्वच्छ भोजन और जलपान प्रदान करना है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष शक्ति उप्पल सहित बंटी जम्वाल, शिव उप्पल, कमल भगत, धीरज उप्पल, दिनेश शर्मा, अजीत राठौर, विमित गुप्ता और अन्य स्वयंसेवकों ने भक्ति और समर्पण के साथ सेवा में भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. प्रदीप महोत्रा ​​ने कहा कि लंगर सेवा सनातन धर्म के शाश्वत मूल्यों का जीवंत उदाहरण है, जो निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा पर बल देती है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व बंधुत्व, सर्वे संतु निरामया (सभी स्वस्थ रहें) और वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) की भावना का अग्रदूत रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, किसी मनुष्य का वास्तविक मूल्य धन या सांसारिक संपत्ति से नहीं, बल्कि सेवा के ऐसे विनम्र और नेक कार्यों से परिलक्षित आंतरिक गुणों और करुणा से मापा जाता है।

डॉ. प्रदीप ने कुलदेवता बाबा कालीवीर जी की महिमा और दिव्य भावना को बनाए रखने के लिए ट्रस्ट की सराहना की जिनकी शिक्षाएँ असंख्य भक्तों को मानवता की सेवा और अच्छाई फैलाने के लिए प्रेरित करती हैं। बाबा कालीवीर जी धर्म, साहस और करुणा की आत्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके नाम पर किया गया प्रत्येक कार्य मानव सेवा और हमारी गौरवशाली आध्यात्मिक विरासत के प्रति श्रद्धांजलि बन जाता है, उन्होंने जरूरतमंदों को भोजन कराने और मरीजों व उनके तीमारदारों को प्रेम और विनम्रता से सहयोग देकर इस दिव्य मिशन को आगे बढ़ाने के ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा।

डॉ. प्रदीप ने वैश्विक स्तर पर करुणा और समावेशिता के इसी दर्शन को अपनाने के लिए मोदी सरकार की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति की देखभाल से लेकर कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंद देशों को मुफ्त चिकित्सा सहायता प्रदान करने तक, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने शांति, युद्ध और बीमारी के समय में समान रूप से वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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