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डोर-टू-डोर सेवाएं देश की जरूरत, ये बढ़ाएंगी दक्षता और घटाएंगी लॉजिस्टिक्स लागत : अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को रेल भवन में वर्चुअल माध्यम से दो नई डोर-टू-डोर फ्रेट एवं पार्सल सेवाओं को हरी झंडी दिखाते हुए।

– उत्तर प्रदेश के सोनिक में बने इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब का किया उद्घाटन – रेल मंत्री ने दो नई डोर-टू-डोर फ्रेट एवं पार्सल सेवाओं को दिखाई हरी झंडी

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि डोर-टू-डोर सेवाएं देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। ये सेवाएं न केवल उद्योगों की दक्षता बढ़ाएंगी बल्कि परिवहन और लॉजिस्टिक्स लागत को भी काफी कम करेंगी।

वैष्णव ने यहां रेल भवन में वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश के सोनिक में बने इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब का उद्घाटन किया और दो नई डोर-टू-डोर फ्रेट एवं पार्सल सेवाओं को हरी झंडी दिखाई।

इस मौके पर उन्होंने बताया कि अब उद्योगों को अपने माल की ढुलाई के लिए पूरी रेक भरने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार कुछ कंटेनर ही भेज सकेंगे।

रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल अब फैक्टरी से लेकर ग्राहक तक ‘डोर-टू-डोर’ सुविधा उपलब्ध कराएगी, जिससे फैक्टरी और रेलवे लोडिंग-अनलोडिंग प्वाइंट के बीच की दूरी और असुविधा खत्म होगी। इसके लिए देशभर में बने गुड्स शेड्स और लॉजिस्टिक्स टर्मिनल्स को कंटेनर लोडिंग व अनलोडिंग सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, ताकि ग्राहक पूरी तरह से इस नई सेवा का लाभ उठा सकें।

रेल मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश का सोनिक अब देश का पहला इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब बन गया है, जहां यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ‘गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल’ पहल के तहत अब तक 115 टर्मिनल विकसित किए जा चुके हैं, जो मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करेंगे।

सोनिक टर्मिनल लखनऊ से लगभग 50 किलोमीटर और कानपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह दोनों प्रमुख औद्योगिक और शहरी केंद्रों को जोड़ता है। इस टर्मिनल का प्रबंधन कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकोर) द्वारा किया जाएगा, जो ‘फर्स्ट माइल’ और ‘लास्ट माइल’ कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।

यह केंद्र उर्वरक, खाद्यान्न, सीमेंट और ट्रैक्टर जैसे विविध माल की ढुलाई के लिए तैयार है। वैष्णव ने बताया कि ट्रैक्टर अब किसानों तक पहले से अधिक सस्ती दरों पर पहुंचाए जाएंगे। जैसे कार परिवहन की व्यवस्था सुचारू है, वैसे ही अब ट्रैक्टर और निर्माण उपकरणों (जैसे जेसीबी) के लिए भी रेलमार्ग से कुशल परिवहन की सुविधा मिलेगी।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सतीश कुमार ने कहा कि डोर-टू-डोर डिलीवरी सेवा रेल आधारित लॉजिस्टिक्स में एक बड़ा परिवर्तन है। अब भारतीय रेल केवल माल ढुलाई करने वाली संस्था नहीं रहेगी, बल्कि एक पूर्ण लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता के रूप में उभर रही है। यह ‘विकसित भारत’ की लॉजिस्टिक्स दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है।

यह उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल विश्व की दूसरी सबसे बड़ी मालवाहक संस्था है, जो हर वर्ष करीब 1.6 अरब टन माल का परिवहन करती है।

नई रेल सेवाओं के प्रमुख विवरण

1. सोनिक (लखनऊ डिवीजन) में इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब:

यह केंद्र कानपुर-लखनऊ क्षेत्र की बढ़ती लॉजिस्टिक्स आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसमें डोर-टू-डोर सेवा, कार्गो वितरण और इन्वेंट्री प्रबंधन जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

2. दिल्ली–कोलकाता के बीच एश्योर्ड ट्रांजिट कंटेनर ट्रेन सेवा:

यह नई प्रीमियम सेवा सुनिश्चित समय (120 घंटे) में डिलीवरी की गारंटी देती है। ट्रेन सप्ताह में दो बार (बुधवार और शनिवार) चलेगी। इसमें दिल्ली, आगरा, कानपुर और कोलकाता के बीच निर्धारित समय में लोडिंग-अनलोडिंग की सुविधा होगी। ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार चार विकल्पों में सेवा ले सकेंगे—डोर-टू-डोर, डोर-टू-टर्मिनल, टर्मिनल-टू-डोर और टर्मिनल-टू-टर्मिनल।

इस सेवा की बुकिंग और ट्रैकिंग ‘कॉनकॉर ई-लॉजिस्टिक्स मोबाइल ऐप’ के माध्यम से की जा सकेगी, जो फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को डिजिटल रूप से जोड़ता है।

3. मुंबई–कोलकाता के बीच डोर-टू-डोर पार्सल सेवा:

यह तीन चरणों में संचालित होती है- लफर्स्ट माइल (कॉनकोर के बिजनेस एसोसिएट द्वारा पिकअप), मिडिल माइल (भारतीय रेल की पार्सल ट्रेन द्वारा परिवहन), और लास्ट माइल (गंतव्य तक अंतिम डिलीवरी)।

मुंबई (भिवंडी रोड) से कोलकाता (सांकरेल) तक 1930 किलोमीटर लंबी इस सेवा के जरिए कैस्ट्रोल, वीआईपी इंडस्ट्रीज, गोडरेज, और नेस्ले जैसी कंपनियां अपने उत्पादों की ढुलाई कर रही हैं। दोनों केंद्रों पर 5400 क्यूबिक फीट की विशाल कार्गो भंडारण सुविधा भी विकसित की गई है।

सड़क परिवहन की तुलना में यह रेल पार्सल सेवा 7.5 प्रतिशत सस्ती और 30 प्रतिशत तेज है, जिससे ग्राहकों को समय और लागत दोनों में उल्लेखनीय बचत होती है।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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