
नाविक, मछुआरे और विद्यार्थी पाएंगे प्राथमिकता, 29 अगस्त तक करें आवेदन
वाराणसी, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । गंगा और उसकी सहायक नदियों में पाई जाने वाली विलुप्तप्राय गंगा डॉल्फ़िन के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट डॉल्फ़िन के तहत एक नई पहल शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से डॉल्फ़िन मित्र कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत डॉल्फ़िन संरक्षण में सहयोग करने वाले स्थानीय लोगों को चिन्हित कर विशेष भूमिका दी जाएगी।
गौरतलब है कि गंगा डॉल्फ़िन को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने विलुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया है। भारत सरकार ने इसे भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित जलीय जीव घोषित करते हुए 5 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रीय जलीय जीव का दर्जा प्रदाmन किया था। इसके बाद से हर वर्ष 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फ़िन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस परियोजना के अंतर्गत नाविकों, मछुआरों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि ये हितधारक नियमित रूप से नदी के संपर्क में रहते हैं और डॉल्फ़िन के आवास स्थलों पर निगरानी रख सकते हैं। खासतौर पर सर्दियों में जब नदियों में मछली पकड़ने की गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं, तब डॉल्फ़िन की सुरक्षा और निगरानी अत्यंत आवश्यक हो जाती है।
वन संरक्षक, वाराणसी वृत्त की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद, 16 जुलाई को इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना के तहत फिलहाल वाराणसी और गाजीपुर जनपदों में दो-दो डॉल्फ़िन मित्रों की नियुक्ति की जाएगी।
वन विभाग के अनुसार, डॉल्फ़िन मित्र के रूप में नियुक्त व्यक्तियों को मानदेय भी प्रदान किया जाएगा। इच्छुक अभ्यर्थी, जो गंगा नदी के निकटवर्ती ग्रामों में रहते हैं, वे इस परियोजना से जुड़कर डॉल्फ़िन संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं। इसमें शामिल होने के इच्छुक विद्यार्थी, शोधार्थी या अवैतनिक व्यक्ति 29 अगस्त 2025 तक प्रभागीय वनाधिकारी, वाराणसी अथवा प्रभागीय निदेशक, गाजीपुर के कार्यालय में आवेदन भेज सकते हैं।
ई-मेल के माध्यम से भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, जिससे युवा आसानी से इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़कर देश की प्राकृतिक धरोहर को बचाने में योगदान दे सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
