मीरजापुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य और आयुष सेवाओं की हालत सुधारने के लिए प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गया है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने साफ कर दिया है कि अब सिर्फ योजनाएं नहीं, जमीन पर दिखने वाला असर चाहिए। इससे न सिर्फ शहर, बल्कि दूरस्थ गांवों के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इस दिशा में उठाए गए कुछ बड़े कदमों ने यह संकेत दे दिया है कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत खराब मिलने पर वहां के प्रभारी चिकित्साधिकारी का वेतन रोक दिया गया है। जिलाधिकारी ने यह भी साफ कहा कि अगली बार अगर सुधार नहीं हुआ तो और कड़ी कार्रवाई होगी। यह फैसला इस बात का संकेत है कि अब स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही तय की जाएगी।
गांवों में खुलेंगे नए होम्योपैथिक अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाएं शहरों तक सीमित न रहें। इसके लिए हलिया, जमालपुर और राजगढ़ जैसे दूर-दराज के ब्लॉकों में पंचायत स्तर पर होम्योपैथिक अस्पताल खोलने की योजना बनाई जा रही है। इससे ग्रामीणों को गांव में ही दवा और इलाज मिल सकेगा।
निर्माण कार्यों में भी गुणवत्ता पर सख्त नजर कुछ अस्पतालों के निर्माण कार्य में ढिलाई और घटिया गुणवत्ता सामने आने पर जिलाधिकारी ने अफसरों को खुद मौके पर जाकर जांच करने और दोषियों पर वसूली की कार्रवाई करने को कहा है। इससे यह तय हो गया है कि अब ‘काम करो या हटो’ का फार्मूला लागू होगा।
स्कूलों और मंदिरों में लगेंगे मेडिकल कैंप स्वास्थ्य को आम जन तक पहुंचाने के लिए आयुर्वेद और होम्योपैथिक के मेडिकल कैंप अब स्कूलों, कॉलेजों और मंदिरों में लगाए जाएंगे। त्योहारों और विशेष मौकों पर इन कैंपों से हजारों लोग लाभान्वित होंगे। यह पहल खासकर ग्रामीण और कमजोर वर्ग के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
लापरवाह आशाओं पर गिरेगी गाज गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली आशा बहनों की भूमिका अहम होती है, लेकिन कई जगह उनकी कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। अब लापरवाही बरतने वाली आशाओं को हटाकर नई जिम्मेदार महिलाओं की तैनाती की जाएगी।
टीकाकरण पर जोर, पंचायतों की भी जिम्मेदारी तय टीकाकरण अभियान में छूटे परिवारों को अब ग्राम प्रधानों और कोटेदारों के जरिए जागरूक किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य जागरूकता को नया बल मिलेगा।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
