
कोलकाता, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran News) ।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज आंदोलन का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर अनीकेत महतो का तबादला उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज मेडिकल कॉलेज में किया गया था।
न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि डॉक्टर महतो को वही पदस्थापन दिया जाएगा, जो उन्होंने काउंसलिंग सत्र में अपनी पहली पसंद के रूप में चुना था। इस प्रकार अब उनकी पोस्टिंग आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज में ही होगी।
न्यायमूर्ति बसु ने कहा कि वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए आयोजित काउंसलिंग प्रक्रिया का कोई महत्व नहीं रह जाता यदि उसमें दर्ज की गई पहली पसंद को ही नजरअंदाज कर दिया जाए। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि नियुक्ति प्रक्रिया में उम्मीदवार की योग्यता और मेरिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और मेरिट सूची में ऊपर रहने वाले डॉक्टरों को उनकी पसंद का स्थान मिलना चाहिए।
डॉक्टर अनीकेत महतो ने अपनी स्नातकोत्तर पढ़ाई भी आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज से की है। अगस्त 2024 में इसी कॉलेज की एक महिला डॉक्टर की बलात्कार कर हत्या के बाद जब आंदोलन भड़का था, तब महतो इसका अहम चेहरा बने थे।
राज्य सरकार ने अदालत से इस आदेश पर सात अक्टूबर तक रोक लगाने की अपील की, लेकिन न्यायमूर्ति बसु ने सरकार की यह दलील भी खारिज कर दी।
डॉक्टर महतो के साथ-साथ आंदोलन से जुड़े अन्य दो जूनियर डॉक्टरों – देबाशीष हालदार और असफकुल्ला नैया – को भी उनकी पहली पसंद की पोस्टिंग नहीं दी गई थी। यह मामला अब और भी चर्चा में आ गया है क्योंकि अदालत ने साफ संकेत दिया है कि सरकार ने भर्ती और तबादले में मेरिट आधारित सद्भावना नहीं दिखाई।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
