
बांदा, 16 जून (Udaipur Kiran) । शासन की मंशा के अनुरूप सरकारी कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और तेज़ बनाने के उद्देश्य से संचालित ई-ऑफिस प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई विभागीय अधिकारी गैरहाज़िर पाए गए, जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी ने आठ अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।
गैरहाज़िर अधिकारियों में ग्रामीण अभियंत्रण, सहायक आयुक्त श्रम, जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता, उपायुक्त उद्योग, दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, खादी ग्रामोद्योग तथा डिप्टी स्पोर्ट्स अधिकारी शामिल हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे अधिकारी शासन की प्राथमिकताओं के प्रति लापरवाह रवैया अपना रहे हैं, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
बैठक में जिलाधिकारी ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि अधिकांश विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली गो-लाइव हो चुकी है, इसके बावजूद पत्रावलियों का संचालन पारंपरिक ढंग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति शासनादेश की अवहेलना के साथ-साथ डिजिटल इंडिया मिशन के उद्देश्यों को भी बाधित करती है।
उन्होंने यह भी बताया कि कई विभाग अभी तक आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएं जैसे डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC), वीपीएन नंबर और एनआईसी ईमेल आईडी जनरेट कराने में लापरवाही बरत रहे हैं। जिलाधिकारी ने इसे अत्यंत खेदजनक और अस्वीकार्य बताया।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अब समस्त विभाग प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि सभी पत्रावलियों का संचालन केवल ई-ऑफिस माध्यम से ही किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता अब पेपरलेस ऑफिस की दिशा में बढ़ना है और इसके लिए हर विभाग की जवाबदेही तय की जाएगी।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि आगे से किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी विभागों से निर्धारित समय-सीमा में तकनीकी संसाधन पूर्ण कराने और ई-ऑफिस के पूर्ण क्रियान्वयन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
—————
(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह
