
बांदा, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचक नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्य (एसआईआर) में धीमी प्रगति काे देखते हुए बांदा की जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी जे. रीभा ने सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के दौरान कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना अनुमति अवकाश पर नहीं जाएगा और न ही जिला मुख्यालय छोड़ सकेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश के पत्र की जानकारी साझा करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन की रफ्तार बेहद धीमी है। खराब सर्वर और तकनीकी समस्याओं के कारण अब तक केवल 40 प्रतिशत फॉर्म ही अपलोड हो पाए हैं जबकि चारों विधानसभा क्षेत्रों में 60 प्रतिशत कार्य अभी भी लंबित है। तय समय सीमा में अब सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा है, ऐसे में कार्य की गति बढ़ाना अनिवार्य है।
जिले में अब तक 5,46,235 मतदाताओं के फॉर्म अपलोड किए जा चुके हैं। लेकिन चारों विधानसभा क्षेत्रों—बांदा, तिंदवारी, बबेरू और नरैनी में से बबेरू और नरैनी की प्रगति सबसे धीमी बताई जा रही है। हालांकि जिलाधिकारी जे. रीभा लगातार बूथ स्तर से लेकर तहसील मुख्यालय तक निरीक्षण कर रही हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्य में तेजी के साथ-साथ गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के कई बीएलओ ने बताया कि फीडिंग के दौरान सर्वर बार-बार फेल हो जाता है जिससे अपलोडिंग बाधित होती है। कई फॉर्म अपूर्ण प्राप्त होते हैं, जिन्हें दोबारा सत्यापन करना पड़ता है। इससे डिजिटाइजेशन की रफ्तार और धीमी हो जाती है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) कुमार धर्मेंद्र ने शुक्रवार को बताया कि विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के दौरान कोई भी अधिकारी-कर्मचारी बिना पूर्वानुमति जनपद से बाहर नहीं जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर जिलाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है।
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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह