Uttar Pradesh

डीएम ने पराली जलाने के खिलाफ जागरूकता वाहन काे हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

फोटो -वाहन को झंडी दिखाकर रवाना करते  जिला अधिकारी

औरैया, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर से पराली एवं कृषि अपशिष्ट जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के उद्देश्य से जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जिलाधिकारी ने बताया कि यह वाहन जनपद के विभिन्न गांवों में जाकर किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों और पर्यावरणीय क्षति के प्रति जागरूक करेगा। डीएम ने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिए कि प्रचार वाहनों का संचालन योजनाबद्ध तरीके से किया जाए और उन सभी क्षेत्रों तक पहुंच बनाई जाए जहां धान की कटाई जारी है, ताकि समय रहते किसान पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपना सकें।

उन्हाेंने किसानों से अपील की कि वे पराली न जलाएं क्योंकि इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो मानव स्वास्थ्य, पशुओं और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर डालता है। उन्होंने कहा कि किसान मल्चर, हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग करें।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अनुसार फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध है। सरकार ने पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 5,000 रुपये, 2 से 5 एकड़ के लिए 10,000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक के लिए 30,000 रुपये निर्धारित की है। उल्लंघन करने पर धारा-24 व 26 के तहत वसूली और एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी।

डीएम ने कहा कि पराली जलाने से 1 टन अवशेष में बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड व राख निकलती है, जिससे वातावरण दूषित होता है। वहीं खेत में पराली मिलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। उन्होंने सभी किसानों से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त वातावरण बनाने की अपील की।

इस अवसर पर एडीएम अविनाश चन्द्र मौर्य, उप कृषि निदेशक शैलेन्द्र कुमार वर्मा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) कुमार

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