Uttrakhand

दिव्यांग जनों की उद्यम में हिस्सेदारी विषय पर हुआ मंथन

दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र सभागार में  दिव्यांग जानों  के  लिए आयोजित कार्यक्रम।

देहरादून, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र सभागार में शुक्रवार को ‘दिव्यांग जनों की उद्यमिता में हिस्सेदारी’ विषय पर एक चर्चा सत्र आयोजित हुआ। इसमें दिव्यांगता, समावेशी जन समूह और बाजार एकीकरण पर विचार-विमर्श हुआ। सत्र में सामाजिक संस्थाओं, दिव्यांगजनों पर कार्य करने वाले व्यक्तियों, दिव्यांगजनों और उनके परिवारों ने हिस्सा लिया।

इस मौके पर साहस फाउंडेशन समावेशी संसाधन केंद्र के शहाब नक़वी ने कहा कि भारत में एक न्यायसंगत और लचीली अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए समावेशी कामकाजी लोगों के समूह महत्वपूर्ण हैं, जो लोगों को विशेष रूप से दिव्यांग जनों को उद्यमी,उत्पादक और निर्णयकर्ता के रूप में पहचान दिलाते हैं। हम व्यक्तियों, सामाजिक उद्यमों, संगठनों और उत्पादक समूहों को भी मंच पर अपनी कहानियाँ साझा करने के लिए एक सामूहिक मंच प्रदान करें।

वक्ताओं का साफ मानना था कि भारत में दिव्यांग व्यक्तियों को अक्सर सहायता या कल्याण के निष्क्रिय प्राप्तकर्ता के तौर पर देखा जाता रहा है। जबकि ऐसा नहीं है कुछ समावेशी प्रयास से समूहों को मज़बूत बनाया जा सकता है। दिव्यांगता को केवल विशेष योजनाओं के अंतर्गत ही नहीं,बल्कि छोटे—छोटे आर्थिक मुख्यधारा से जोड़कर उसे सामान्य बनाने का प्रयास हर सम्भव किया जा सकता है।

बातचीत में शैलेन्द्र नौटियाल, राकेश अग्रवाल,बृजमोहन शर्मा,जगदीश बाबला, बिजू नेगी, चंद्रशेखर तिवारी देवेंद्र कांडपाल,शीबा चौधरी,आरती,नवीन उपाध्याय, प्रमोद पसबोला,राहुल पुंडीर, रोहित राय,फ़ातिमा,शहनाज़,उस्मान,आरती,अम्बिका बर्थवाल, इंदुमति नेगी,हर्षमणी भट्ट और पुष्पा ने भाग लिया।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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