Madhya Pradesh

डूब प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर 30 जुलाई तक विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था करें: संभागायुक्त

सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास कार्यों की समीक्षा

– संभागायुक्त कार्यालय में सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास कार्यों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

इंदौर, 27 जून (Udaipur Kiran) । संभागायुक्त दीपक सिंह ने संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे अनुविभागीय अधिकारियों के माध्यम से 30 जुलाई तक सरदार सरोवर परियोजना के डूब प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर विस्थापितों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इस कार्य को संवेदनशीलता के साथ करें, जो अधिकारी इस कार्य में लापरवाही बरतेगा, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी, साथ ही डूब प्रभावित क्षेत्रों में मछुआरों की समितियां बनाकर उन्हें समय सीमा में घाट उपलब्ध कराए जाएं।

संभागायुक्त दीपक सिंह ने यह निर्देश शुक्रवार को सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त डी.एस. रणदा, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के शैलेन्द्र सोलंकी, उप संचालक पूर्णिमा सिंघी, संभाग के जिलों के अनुविभागीय अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बड़वानी कलेक्टर एवं धार कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।

बैठक में संभागायुक्त सिंह ने सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि धार और बड़वानी जिलों में इन दिनों औसत से अधिक वर्षा हो रही है। अत: इस क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आपदा की स्थिति में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग, होमगार्ड विभाग, बिजली विभाग, जल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग आदि विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। एनडीआरएफ की टीम होमगार्ड के जवानों और गोताखोरों को पूर्व प्रशिक्षण दें, ताकि आपदा की स्थिति में लोगों को बाढ़ आदि से बचाया जा सकें। इसी माह में मॉकड्रिल का आयोजन भी कराया जाये।

संभागायुक्त सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति के पूर्व डूब क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जायें और उनके लिए आवास, भोजन, पानी, चिकित्सा आदि की वैकल्पिक व्यवस्था की जाये। मवेशियों के लिए भी चारा और चिकित्सा व्यवस्था की जाये। संभाग के सभी जिलों में तैराक और गोताखोरों को चिन्हांकित किया जाये। जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम का गठन किया जाये। अतिवृष्टि एवं बाढ़ आदि स्थिति से निपटने के लिए निर्धारित समय सीमा में आकस्मिक कार्ययोजना बनायी जाये।

(Udaipur Kiran) तोमर

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