Uttar Pradesh

जिलाधिकारी ने मानसिक चिकित्सालय का किया औचक निरीक्षण

वाराणसी: जिलाधिकारी मानसिक चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुए

आपत्तिजनक शब्दों ‘कोठारी’, ‘लॉकअप’, ‘जंगी वार्ड’ के स्थान पर मानवीय शब्दावली के प्रयोग का दिया निर्देश

वाराणसी, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने रविवार को पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया और अस्पताल की व्यवस्थाओं का गहनता से जायज़ा लिया। उन्होंने मानसिक चिकित्सालय के निदेशक व प्रमुख अधीक्षक से मरीजों के उपचार, भोजन, निवास और अन्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

जिलाधिकारी ने अस्पताल के अग्निशमन कक्ष, गार्ड रूम, ओपीडी, इमरजेंसी, फैमिली वार्ड और मरीजों के रहने वाले कक्षों का भ्रमण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों की सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधाओं को लेकर संतोष व्यक्त किया। मरीजों के बेड, चादरें और कमरों की सफाई व्यवस्था को सराहा।

अप्रासंगिक शब्दों को बदलने के निर्देश

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल के रिकॉर्ड रजिस्टर की जांच करते हुए अस्पताल में प्रचलित कुछ शब्दों जैसे ‘कोठारी’, ‘लॉकअप’ और ‘जंगी वार्ड’ को असंवेदनशील बताया। उन्होंने इन शब्दों के स्थान पर अधिक मानवीय और संवेदनशील भाषा के उपयोग के लिए शासन को पत्र भेजने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने गार्ड रूम के रजिस्टर की जांच करते हुए निर्देश दिया कि अस्पताल में आने-जाने वाले हर व्यक्ति की एंट्री अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को अंदर प्रवेश न देने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।

फैसिलिटीज़ पर ज़ोर, टेलीमानस सुविधा की सराहना

जिलाधिकारी ने निरीक्षण करते हुए ओपीडी और फैमिली वार्ड की व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने फैमिली वार्ड के रजिस्टर की जांच करते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक मरीज और उनके अभिभावकों का पूरा विवरण जैसे नाम, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र आदि सही ढंग से दर्ज होना चाहिए। साथ ही, गार्जियन के परिचय पत्र भी बनाए जाने के निर्देश दिए गए।

अस्पताल के निदेशक डॉ. प्रकाश चंद मल्ल ने जानकारी दी कि अस्पताल में बाह्य और आंतरिक दोनों तरह के मरीजों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। ओपीडी परिसर में बैठने की उचित व्यवस्था, शुद्ध पेयजल और शौचालय की सुविधाएं मौजूद हैं। मानसिक रोगियों की काउंसिलिंग के लिए टेलीमानस सेवा का भी उपयोग किया जा रहा है। प्रशासनिक परिसर में भी मानसिक रोगियां एवं परिजनों के बैठने एवं मिलने (मुलाकात) के लिए एक शेड बना है, जिसमें फिल्टर्ड वाटर कूलर तथा शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। पुरुष, महिला और पारिवारिक वार्डों में मरीजों के अलग अलग रहने की व्यवस्था है।

नवीन निर्माण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा

इस दाैरान जिलाधिकारी ने अस्पताल में निर्माणाधीन नए वार्ड और प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की आधारशिला से संबंधित कार्यों की भी जानकारी ली। इस अवसर पर एडीएम सिटी आलोक वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट रविशंकर सिंह, चिकित्सालय के निदेशक व अधीक्षक प्रकाश चंद मल्ल, सीएमएस जिला अस्पताल भी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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