Uttar Pradesh

जनपद न्यायाधीश ने वृद्धाश्रम का किया निरीक्षण,आवश्यक नियम कानून के बारे में दी जानकारी

वृद्धा आश्रम में कैंप लगा कर जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लोग

जौनपुर ,17 नवंबर(Udaipur Kiran) । यूपी के जौनपुर में जनपद न्यायाधीश ‌ एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुशील कुमार शशि के निर्देशन एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव पूर्ण कालिक प्रशांत कुमार सिंह के नेतृत्व में सोमवार को निशुल्क वृद्ध जन आवास (वृद्धाश्रम ) सैयद अलीपुर सदर का निरीक्षण किया गया एवं आवश्यक नियम कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर सचिन पूर्णकालिक प्रशांत कुमार सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह प्राधिकरण के कर्मचारी सुनील कुमार मौर्य एवं राकेश कुमार यादव वृद्ध आश्रम के संचालक एवं काउंसलर शिल्पी जायसवाल सहित समस्त वृद्धाजन और अन्य लोग उपस्थित रहे।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत कुमार सिंह द्वारा बालक,वृद्ध एवं वयस्क का अंतर बताते हुए बताया गया कि माता-पिता के भरण पोषण का भार वयस्क पुत्र पुत्री उनकी अनुपस्थिति में पौत्र और पौत्री‌ एवं दत्तक पुत्र का होता है , यदि कोई परेशानी भोजन वस्त्र आवास रहन-सहन मनोरंजन एवं आपातकालीन परेशानी में हो तो संबंधित अधिकारियों को सूचित करें अन्यथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र दें । उन्होंने भरण पोषण की प्रक्रिया को सरल बताते हुए कहा कि एक आवेदन पत्र पर त्वरित रूप से इसका निस्तारण 90 दिन में हो जाता है। अधिक से अधिक 30 दिन उसमें और बढ़ाया जा सकता है । यदि वृद्ध पति पत्नी दोनों एक साथ रह रहे हैं तो एक की मृत्यु हो जाने पर भी पूरी राशि दूसरे को मिलती रहेगी । यदि विदेश में हो तो भी भीम का अनुपालन इस तरह होगा। उन्होंने भरण पोषण की अधिनियम की धारा 7 का वर्णन करते हुए कहा कि यह सभी धर्म पर लागू होता है। उपस्थित वृद्ध जनों ने वृद्ध आश्रम की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया।

इसी क्रम में डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह ने संक्षेप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में परिचय देते हुए कहा कि वृद्ध आश्रम में आरामदायक कमरे, नियमित पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, मनोरंजन की नि:शुल्क व्यवस्था राज्य सरकार को करनी पड़ती है । यह देश के संविधान द्वारा भी वर्णित है और आपात सेवा परामर्श और पुनर्वास की व्यवस्था होती है । इस बारे में भारतीय न्याय संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम में विस्तार से वर्णन है । इसके बारे में पारिवारिक और व्यक्तिगत कानून भी बने हैं ‌। पारिवारिक और व्यक्तिगत कानून तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पेंशन की व्यवस्था का विस्तार से वर्णन करते हुए उन्होंने बताया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना में 1000 रुपए तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में 200 रुपए प्रति माह सहायता दी जाती है। यदि 80 से ऊपर है तो उनकी सहायता राशि और बढ़ सकती है। इस कार्यक्रम में शिल्पी जायसवाल काउंसलर द्वारा बंदियों को पौष्टिक आहार और फल का वितरण किया गया। अंत में वृद्ध आश्रम के संचालक रवि चौबे द्वारा धन्यवाद दिया गया।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव