जम्मू, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारत तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) की बैठक यान जम्मू में अध्यक्ष डॉ. विवेक शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित हुई, जिसमें लद्दाख की मौजूदा परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया गया। मंच ने स्पष्ट किया कि शांति और संवाद ही स्थायी प्रगति तथा क्षेत्र की जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति का टिकाऊ उपाय है। मंच ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला, जो वहां की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। बीटीएसएम ने कहा कि यह संवैधानिक कदम लद्दाख को अधिक स्वायत्तता और उसके विकास में प्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
अपने बयान में मंच ने कहा कि इस परिवर्तन के बाद कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। यहां कहा गया कि लद्दाख विश्वविद्यालय की स्थापना केंद्र सरकार की शिक्षा सशक्तिकरण और क्षेत्र के भविष्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भर्ती और प्रशासनिक सुधारों ने भी लद्दाख के युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोले हैं। मंच ने चेतावनी दी कि यह काल एक कठिन परीक्षा का दौर भी है, क्योंकि शांति और स्थिरता के विरोधी तत्व क्षेत्र को अस्थिर करने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
बीटीएसएम ने कहा, लद्दाख की जनता का गौरवशाली इतिहास राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा का रहा है। उन्होंने हमेशा पड़ोसी ताकतों की नापाक कोशिशों को नाकाम किया और शांति के लिए शक्ति के महत्व को स्थापित किया है। मंच ने सभी हितधारकों से अपील की कि वे एकजुट होकर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और शांतिपूर्ण समाधान में आस्था बनाए रखें। डॉ. विवेक शर्मा ने कहा, आज का समय हमसे एकता, विवेक और साहस की मांग करता है। इन्हीं गुणों के बल पर हम भारतीय संविधान के दायरे में सुरक्षित और समृद्ध भविष्य का निर्माण करेंगे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
