Uttrakhand

अपूज्यों की पूजा और योग्य का अपमान होने पर आती हैं आपदाएं: विज्ञानानंद

स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज

हरिद्वार, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परम अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि दानवता बढ़ते ही दैवीय आपदाओं में वृद्धि होने लगती है। आज मानवता गिर रही है और दानवता बढ़ रही है। मानवता को जीवित रखना है तो धर्म के सापेक्ष आचरण करना ही होगा। वे आज विष्णु गार्डन स्थित श्रीगीता विज्ञान आश्रम में राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आए भक्तों को चातुर्मास में चलने वाली भगवत सत्ता की जानकारी दे रहे थे।

श्रीमद् भगवतगीता के उपदेशों को मानव जीवन से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि कर्म प्रधान है और प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर ही फल मिलता है। मानव जीवन में आने वाले दैहिक, दैविक एवं भौतिक कष्टों की व्याख्या करते हुए शतायु संत ने कहा कि जब व्यक्ति ईश्वर का आदर नहीं करता तो अपराधिक राग-द्वेष की अग्नि प्रदीप्त होती है। देवताओं का अपमान करने से दैवीय आपदाएं बढ़ती हैं और जो शरीर से सेवा नहीं करता उसे शारीरिक कष्ट झेलने पड़ते हैं। जब अपूज्यों की पूजा और योग्य व्यक्तियों का अपमान होता है तो भी दैवीय आपदाएं बढ़ती हैं, आज यही हो रहा है। कहीं बादल फटते हैं तो कहीं अकाल मृत्यु हो रही है। जब धर्म का अपमान होता है तब भी आपदाएं बढ़ती हैं।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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