
कोलकाता, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच कूटनीति बेहद जरूरी है और अपने कार्यकाल में उन्होंने दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की। शनिवार को राज्य सरकार की ओर से टाउन हॉल में आयोजित विदाई समारोह में उन्होंने यह बात कही।
मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम 15 सितम्बर को सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने कहा कि कोलकाता ने उन्हें हमेशा आत्मीयता से अपनाया। वे अक्टूबर 2021 में न्यायाधीश के रूप में उच्च न्यायालय से जुड़े थे और मई 2023 में मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला।
उन्होंने कहा, मुख्य न्यायाधीश होने का अर्थ है न्यायपालिका और राज्य के बीच नाजुक संतुलन बनाए रखना। कूटनीति दोनों तरफ से जरूरी है, ताकि ऐसा भाव न बने कि न्यायपालिका कार्यपालिका के अधीन है।
समारोह में उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, न्यायिक सचिव सिद्धार्थ कंजिलाल और विधि मंत्री मलय घटक की सराहना की। उन्होंने कहा कि इनकी अटूट सहयोग से राज्य की न्यायपालिका के लिए कई विकास कार्य संभव हो पाए। शिवगणनम ने बताया कि अपने तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने कभी भी उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाया।
उल्लेखनीय है कि किसी मुख्य न्यायाधीश के लिए राज्य सरकार की ओर से आयोजित विदाई समारोह पिछली बार वर्ष 2012 में न्यायमूर्ति जय नारायण पटेल के लिए हुआ था।
मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम का जन्म 16 सितम्बर, 1963 को हुआ था। उन्होंने वर्ष 1986 में तमिलनाडु बार काउंसिल में नामांकन कराया था। मार्च 2009 में उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और मार्च 2011 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए।———————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
