
कोलकाता, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार फर्जी मतदाता बना रही है। कई बांग्लादेशी कामगार देश भर में फैले हुए हैं जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों से भारतीय पहचान पत्र बनवा लिए हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप घोष का मानना है कि वे बांग्लादेशी हैं या बांग्ला भाषी ये देखने वाली बात है। बुधवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दिलीप ने एसआईआर मुद्दे पर बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा।
बिहार के बाद बंगाल में भी एसआईआर लागू होने की अटकलें तेज हैं। राष्ट्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) पहले ही बंगाल में कई पश्चिम बंगाल सिविल सेवा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कह चुका है। हालांकि नवान्न ने इसे स्वीकार नहीं किया है और एक अलग कदम उठाया है। नतीजतन, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को दिल्ली तलब किया गया है। वह समन का जवाब देने के बाद बुधवार सुबह दिल्ली रवाना हुए हैं।
घोष ने इस मुद्दे पर कहा कि पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में सारी गड़बड़ी यहां के कर्मचारियों ने की है। वे सरकार के इशारे पर काम करते हैं। और उनके संरक्षक मुख्य सचिव हैं। इसलिए उन्हें सभी सवालों के जवाब देने होंगे। इस संदर्भ में, घोष ने चेतावनी दी कि मामला मुख्य सचिव तक पहुंच गया है, और भविष्य में यह मुख्यमंत्री तक भी पहुंच सकता है।
प्रवासी बंगालियों के कथित उत्पीड़न के मुद्दे पर दिलीप स्पष्ट कहा, पहले यह जानना ज़रूरी है कि वे वास्तव में बंगाली हैं या बांग्लादेशी। पूरे भारत में लाखों मज़दूर हैं जो बांग्लादेश से आए हैं और फ़र्ज़ी पहचान पत्र बनाकर काम कर रहे हैं। यह समस्या बंगाल में सबसे ज़्यादा है और इसके लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार ज़िम्मेदार है। वे ही फ़र्ज़ी मतदाता बना रहे हैं और फैला रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
