Maharashtra

‘डिजिटल गवर्नेंस’ जरूरत नहीं, अनिवार्यता हैः मुख्यमंत्री फडणवीस

मुंबई, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि ‘डिजिटल गवर्नेंस’ ज़रूरत नहीं बल्कि अनिवार्यता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने डिजिटल नियमन और व्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाई है, इसलिए इस ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से सभी सरकारी सेवाएं, सरकारी योजनाएं आसानी से लोगों तक पहुंच सकेंगी। आम लोगों को सभी सरकारी सेवाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। ‘नो ऑफिस डे’ का अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी, ऑफ़लाइन प्रक्रियाएं समाप्त हो जाएंगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में ‘समग्र’ संस्था के साथ सोमवार को मुंबई में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सभी सरकारी सेवाओं को व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है क्योंकि आम लोगों के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करना आसान हो रहा है। इस प्रक्रिया के लिए एक समय-सारिणी निर्धारित की जाएगी और प्रत्येक विभाग के लिए उद्देश्य और समय-सीमा भी निर्धारित की जाएगी। इसलिए, इन सेवाओं को जल्द से जल्द आम लोगों तक पहुंचाना संभव होगा।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यदि सभी विभाग समन्वय के साथ काम करके सभी सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराएं, तो सरकारी सेवाएं लोगों को कुशलतापूर्वक उपलब्ध होंगी और इससे विश्वसनीयता बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और समग्र के साथ हुए समझौते से होने वाले आमूलचूल परिवर्तन की कामना की।

इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्य, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खडग़े, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह चहल, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ दावले, सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय के प्रबंध निदेशक कान्हूराज बगाटे, विकास आयुक्त दीपेंद्र सिंह कुशवाह, ‘समग्र’ के संस्थापक और सीईओ गौरव गोयल, मुख्य तकनीशियन राहुल कुलकर्णी, प्रबंधक अनय गोगटे, निदेशक अलकेश वडवानी आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) यादव

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