
बरेली, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । इज्जतनगर के रिटायर्ड वैज्ञानिक से 1.29 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का एसटीएफ और बरेली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। लखनऊ से चार शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस का अफसर बताकर उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट में लिया और डर का माहौल बनाकर करोड़ों रुपये तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
गिरोह के सदस्यों ने रकम को 125 फर्जी खातों में घुमाया और अंत में क्रिप्टो करेंसी के जरिए उसे अपने साथियों के वॉलेट में भेज दिया। पुलिस ने आरोपितों के पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और चेकबुक बरामद की हैं। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि यह गिरोह दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और तेलंगाना समेत कई राज्यों में फैला हुआ है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
–वीडियो कॉल पर बनाया डर का माहौल
इज्जतनगर निवासी रिटायर्ड वैज्ञानिक शुकदेव नंदी के पास 17 जून से 20 जून के बीच आरोपियों ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल की। खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताकर कहा कि उनके नाम से फर्जी सिम कार्ड निकाले गए हैं। जिनका इस्तेमाल मानव तस्करी और जॉब फ्रॉड में किया गया है। वैज्ञानिक को डराकर उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और बताया गया कि जांच पूरी होने तक उन्हें बताए गए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने होंगे। वैज्ञानिक ने तीन अलग-अलग खातों में कुल 1.29 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिए भेज दिए।
–पढ़े-लिखे हैं आरोपी, लेकिन चुना अपराध का रास्ता
गिरफ्तार आरोपियों में लखनऊ के लाला बाग निवासी सुधीर कुमार चौरसिया (26) बीकॉम पास है। गोंडा के धपिया गांव निवासी रजनीश द्विवेदी (25) बीए, लखनऊ के खदरा निवासी श्याम कुमार वर्मा (27) बीए और गोमतीनगर एक्सटेंशन निवासी महेंद्र प्रताप सिंह (30) बीएससी पास है। सभी ने पढ़ाई के बाद नौकरी की राह छोड़ अपराध का रास्ता पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने छह मोबाइल फोन, छह एटीएम कार्ड और चार चेकबुक बरामद की हैं। आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
गिरफ्तारी के लिए बरेली साइबर थाना प्रभारी दिनेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल धीरज कुमार, विलिश कुमार, हरेन्द्र कुमार, कांस्टेबल मुक्तेन्द्र देव, अंकुल सिंह, सिद्धार्थ सिंह और लखनऊ एसटीएफ से निरीक्षक अंजनी पांडेय, आदित्य सिंह, हेड कांस्टेबल सुनील सिंह, अखिलेश कुमार, गौरव सिंह, प्रभाकर पांडेय, शेर बहादुर की टीम शामिल रही। पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर लिया जाएगा। वहीं पीड़ित वैज्ञानिक ने राहत की सांस ली है कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है।
(Udaipur Kiran) / देश दीपक गंगवार
