
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिमी जिले की साइबर सेल थाना पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” साइबर ठगी के मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपितों को गुजरात से गिरफ्तार किया है। आरोपित फर्जी जांच एजेंसी के नाम पर लोगों को धमकाकर उनसे लाखों रुपये ठगते थे। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सोएब भाई मुल्तानी (24) और असलम भाई मुल्तानी (37) के रूप में हुई है। दोनों गुजरात के रहने वाले हैं। जबकि झारखंड निवासी जितेन्द्र कुमार को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त दराड़े शरद भास्कर ने शुक्रवार को बताया कि शिकायतकर्ता देबजानी दास चौधरी दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें 19 जुलाई को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर कहा कि उनका नाम “नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस” में सामने आया है। आरोपित ने उन्हें यह कहकर धमकाया कि उन पर जांच चल रही है और व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल के जरिये निगरानी में रखा गया है। फिर जांच के बहाने उनसे कुल सात लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
शिकायतकर्ता के बयान पर पश्चिमी जिले की साइबर थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने पैसे के लेनदेन का पता लगाया तो सामने आया कि ठगी की रकम का 30 फीसदी हिस्सा झारखंड स्थित मुथूट गोल्ड लोन खाते में और बाकी 70 फीसदी गुजरात के सुरेन्द्रनगर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खाते में गया था। बैंक शाखा के सीसीटीवी फुटेज से यह भी स्पष्ट हुआ कि एक आरोपी ने खाते से चेक के जरिये नकद निकासी की थी।
इसके बाद इंस्पेक्टर विकास बुलडाक की देखरेख में पुलिस टीम ने झारखंड और गुजरात में छापेमारी की। तकनीकी जांच और बैंक की जानकारी के आधार पर दोनों आरोपितों को सुरेन्द्रनगर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपित विभिन्न राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों को “म्यूल अकाउंट” उपलब्ध कराते थे। जिनके जरिये ठगी की रकम निकाली जाती थी। इसके बदले उन्हें हर ट्रांजेक्शन पर दो से चार प्रतिशत कमीशन मिलता था। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन और पांच सिम कार्ड बरामद किए हैं। जांच में अब तक गृह मंत्रालय के एनसीआरपी पोर्टल पर अलग-अलग राज्यों से 14 समान शिकायतें इस गिरोह से जुड़ी पाई गई हैं।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है और लोगों को ऐसे कॉल से सावधान रहने की जरूरत है। जिसमें उन्हें किसी जांच या अपराध में फंसाने की धमकी दी जाती है।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी