
गुरुग्राम, 16 जून (Udaipur Kiran) । जिला स्तरीय डायरिया मुक्त अभियान का शुभारंभ सोमवार से सेक्टर-31 स्थित पॉलीक्लिनिक हुआ। इसका शुभारंभ सिविल सर्जन डा. अलका सिंह ने किया। यह अभियान 31 जुलाई 2025 तक जिलेभर में चलाया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य डायरिया के कारण होने वाली शिशु मृत्यु दर को शून्य तक लाना है।
इस अभियान के तहत पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में ओआरएस और जिंक के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा देखभाल करने वालों में डायरिया की रोकथाम और प्रबंधन को लेकर उचित व्यवहार विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। विशेष रूप से झुग्गी-झोपड़ियों तथा कमजोर समुदायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर ओआरएस और जिंक का वितरण किया जाएगा तथा आंगनवाड़ी केंद्रों पर ओआरएस-जिंक कोनों की स्थापना की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अन्य विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, जल जीवन मिशन, ग्रामीण एवं शहरी विकास आदि के साथ मिलकर अंतर-व्यक्तिगत संवाद के माध्यम से लोगों को डायरिया से संबंधित जानकारी देंगे।
स्कूलों, आंगनवाड़ियों और सामुदायिक बैठकों में हाथ धोने का प्रदर्शन भी सुनिश्चित किया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर भी डायरिया के उपचार के लिए ओआरएस जिंक कोनों की स्थापना की जाएगी। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को डायरिया के मानक उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जयप्रकाश ने बताया कि यह अभियान मुख्य रूप से पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों और उनके देखभाल कर्ताओं को ध्यान में रखकर चलाया जा रहा है, जहां पिछले दो वर्षों में डायरिया के प्रकोप देखे गए हैं। डॉ. जयप्रकाश ने सभी विभागों से आपसी समन्वय के साथ इस अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया और आमजन से अपील की कि वे बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए ओआरएस और जिंक का समय पर उपयोग करें।
(Udaipur Kiran)
