
नई दिल्ली, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को ‘विकसित भारत बिल्डाथॉन-2025’ का शुभारंभ किया। इस राष्ट्रव्यापी नवाचार आंदोलन में देशभर के सरकारी और निजी विद्यालयों के कक्षा 6 से 12 तक के करीब 12 करोड़ विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। 13 अक्टूबर को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक आयोजित होने वाले इस नवाचार उत्सव में एक साथ छह लाख स्कूलों के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे।
इस पहल का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए स्कूली बच्चों में नवाचार और रचनात्मकता की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन दिया जाए। ‘विकसित भारत बिल्डथॉन 2025’ का आयोजन शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और एआईसीटीई के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने विकसित भारत बिल्डथॉन का जिंगल और लोगो भी लॉन्च किया।
‘विकसित भारत बिल्डथॉन 2025’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस सोच से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जब वे युवाओं को नवाचार और उत्साह में डूबा देखते हैं, तो उनका ‘नए भारत’ का संकल्प और मजबूत होता है। विकसित भारत बिल्डाथॉन चार प्रमुख विषयों पर आधारित है। इनमें आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी, वोकल फॉर लोकल और समृद्ध भारत है। विद्यार्थियों को 3-5 के समूह में बांटा जाएगा और वे इन चारों विषयों पर विचार-विमर्श कर अपनी नई सोच और नवाचार प्रस्तुत करेंगे। इस प्रक्रिया से न केवल उन्हें टीमवर्क और क्रिटिकल थिंकिंग का अभ्यास मिलेगा बल्कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस योगदान का अवसर भी मिलेगा।
लॉन्चिंग कार्यक्रम में धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत आज इनोवेशन इंडेक्स में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि 11 साल पहले देश में स्टार्टअप की संख्या बेहद कम थी लेकिन आज यह आंकड़ा लाखों में पहुंच चुका है। देश में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इनोवेशन को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया है। अटल इनोवेशन मिशन जैसी पहल ने बच्चों को मेमोराइजिंग से हटाकर क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन की ओर प्रेरित किया है।
प्रधान ने बताया कि आज देशभर में 10 हजार अटल टिंकरिंग लैब कार्यरत हैं। उनकी सफलता को देखते हुए इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री ने और 50 अटल टिंकरिंग लैब सरकारी स्कूलों में स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “आज हमारे सामने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य है और विकसित भारत बिल्डाथॉन उसी दिशा में एक नवजागृति का मंत्र है। यह 21वीं सदी का नया भारत बनाने का बीज मंत्र बनेगा।”
उन्होंने आग्रह किया कि आने वाले 3-4 दिनों में देशभर के सभी छह लाख स्कूलों में बिल्डाथॉन पंजीकरण के क्यूआर कोड और पोस्टर लगाए जाएं ताकि विद्यार्थी समय रहते पंजीकरण कर सकें और अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
विकसित भारत बिल्डथॉन की यात्रा आज, 23 सितंबर से शुरू हो रही है। छात्रों के पास 23 सितंबर से 6 अक्टूबर तक विकसित भारत बिल्डथॉन पोर्टल (https://vbb.mic.gov.in/) पर पंजीकरण करने का समय होगा। इसके बाद 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक स्कूलों के लिए तैयारी का दौर होगा, जिसमें शिक्षक पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से छात्र टीमों का मार्गदर्शन करेंगे। इसके बाद छात्र पोर्टल पर अपने विचार और प्रोटोटाइप जमा करेंगे। बिल्डथॉन का मुख्य कार्यक्रम, लाइव सिंक्रोनाइज्ड इनोवेशन इवेंट, 13 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन के बाद, छात्र 13 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अपनी अंतिम प्रविष्टियां जमा करेंगे। इसके बाद विशेषज्ञों का एक पैनल एक नवंबर से 31 दिसंबर तक, दो महीने की अवधि में, प्रस्तुतियों का मूल्यांकन करेगा। बिल्डथॉन का समापन जनवरी 2026 में परिणामों की घोषणा और शीर्ष 1,000+ विजेताओं के सम्मान के साथ होगा।
विजेताओं के लिए एक करोड़ रुपये का पुरस्कार पूल रखा गया है। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर 10 विजेता, राज्य स्तर पर 100 विजेता और जिला स्तर पर 1000 विजेताओं को चुना जाएगा। यह पुरस्कार न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मकता को सम्मान देगा बल्कि उन्हें आगे बढ़ने और समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित भी करेगा।
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में नवाचार को प्रमुख स्थान दिया गया है और विकसित भारत बिल्डाथॉन उसी की परिणति है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम छह लाख से अधिक सरकारी और निजी विद्यालयों तक ले जाया जाएगा और इसमें करीब 12 करोड़ छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। यह बिल्डाथॉन युवाओं को न केवल सोचने और नए विचार प्रस्तुत करने का अवसर देगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध भारत की दिशा में ठोस कदम भी साबित होगा।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
