
धमतरी, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । धमतरी जिले के वनांचल नगरी क्षेत्र का छोटा सा ग्राम उमरगांव ऊर्जा आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गया है। यहां के निवासी धरमदास मानिकपुरी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेकर न केवल अपने घर की बिजली जरूरतें पूरी की हैं, बल्कि अब ‘उपभोक्ता से उर्जादाता’ बन गए हैं।
मानिकपुरी ने अपने घर की छत पर दो किलोवाट का सोलर रूफटाप प्लांट लगाया है। योजना के तहत उन्हें केंद्र और राज्य सरकार से 60 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई। कुल एक लाख 40 हजार रुपये लागत वाले इस प्लांट के लिए उन्होंने केवल 14 हजार रुपये अग्रिम राशि दी, शेष राशि बैंक ऋण के माध्यम से ली गई।
पहले हर महीने 800 से 1000 रुपये तक का बिजली बिल भरने वाले मानिकपुरी का अब बिल शून्य है। अतिरिक्त बिजली उत्पादन से उन्हें हर माह आर्थिक लाभ भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के शुभारंभ कार्यक्रम को देखकर ही उन्होंने निश्चय किया था कि अपने घर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएंगे, और आज यह निर्णय उनके लिए लाभदायक साबित हुआ है।
हर घर बने ‘ऊर्जा का घर’इस योजना के अंतर्गत राज्य के हजारों परिवारों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। संयंत्र की क्षमता के अनुसार 30 हजार से 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। आवेदक पीएम सूर्यघर पोर्टल या मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन कर सकते हैं। सोलर संयंत्र की स्थापना के बाद डिस्काम द्वारा नेट मीटर लगाया जाता है और सत्यापन उपरांत सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में जमा होती है। यदि उपभोक्ता चाहें तो बैंक से सात प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण भी ले सकते हैं। प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए योजना को जनसमर्थन पोर्टल से जोड़ा गया है।
मानिकपुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से अब बिजली उपभोक्ता खुद ऊर्जा उत्पादक बन रहे हैं। इससे घरेलू खर्च कम होगा, पर्यावरण को लाभ होगा और प्रदेश ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा। वनांचल के उमरगांव जैसे गांवों में सौर ऊर्जा का यह प्रकाश न केवल घरों को रोशन कर रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार कर रहा है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
