Haryana

जींद में श्रद्धालुओं ने की छठ मैया की पूजा, श्रद्धा से मनाया गया छठ पर्व

डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य देते हुए।

जींद, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिलाभर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रवासियों द्वारा छठ पर्व का त्योहार सोमवार को श्रद्धा से मनाया गया। शहर के मध्य स्थित हांसी ब्रांच नहर, रानी तालाब पर व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने पूजा की और फिर डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया। सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था। स्वयं सिटी थाना प्रभारी मनीष ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। शास्त्रों के अनुसार छठ पर्व पर 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जताा है।

परिजनों के साथ आई रूपा झा ने कहा कि इस व्रत को रखने से श्रद्धालुओं द्वारा मांगी गई मन्नते पूर्ण होती है। अपने परिवार की समृद्धि व शांति, पुत्र प्राप्ति व पति दिर्घायू की कामना के लिए छठ पर्व की पूजा की जाती है। यह पर्व शुकल पक्ष छठ मनाया जाता है। छठ पूजा में छठ मइया की पूजा करते हैं और जो भी इच्छा होती है वो माता पूरी करती हैं। सुरूची ने कहा कि छठ पूजा के घाट पर आने से पहले कई व्यंजन तैयार करते हैं। जब घाट पर आते हैं तो सूर्य देवता की पूजा करते हैं। सोमवार को पहले अस्त होते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर पूजा की गई है।

मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। इससे घर की सुख व शांति व हर मनोकामना पूरी करते हैं। वहीं सोनम ने कहा कि छठ पूजा श्रद्धा का त्योहार है। इस त्योहार को मनाने व पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। 36 घंटे तक निर्जला व्रत करते हैं। यह व्रत बहुत कठिन है। जब पूजा पूरी होती है तो श्रद्धालु की हर मनोकामना पूर्ण होती है। नवीन देवी ने कहा कि श्रद्धालु घर में सुख व शांति के लिए छठ का व्रत करते हैं। श्रद्धालु पूरी निष्ठा से पूजा करते हैं। व्रत करने से हर छठी मइया हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं। श्रद्धालु चंपा ने कहा कि छठ का व्रत अपने बच्चे के लिए रखा है। बच्चे की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा है। यह व्रत बहुत कठिन है।

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने कहा कि कार्तिक माह में छठ पर्व का त्योहार मनाया जाता है। इसमें भगवान सूर्य की उपासना होती है। सूर्य को अस्त हुए अघ्र्य दिया जाता है और फिर मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देंगे।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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