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सांवलियाजी के मेले का आगाज मंगलवार से, श्रद्धालु खींचेंगे चांदी का रथ, सरोवर पर होगी विशेष पूजा

चित्तौड़गढ़ जिले के श्री सांवलियाजी में मेले का आयोजन को लेकर  की गई तैयारियां।

चित्तौड़गढ़, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । वैश्विक आस्था का केंद्र श्री सांवलियाजी मंदिर में जलझूलनी एकादशी का मेला मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। इसे लेकर आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मुख्य आयोजन तीन सितम्बर को भगवान चांदी के रथ में बिराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए जाएंगे और सरोवर पर स्नान होगा। इसे लेकर तैयारियां की गई है और सांवलिया सरोवर घाट जगमगा उठा है। वहीं इस बार क्षेत्र में पानी की कमी के कारण यहां घाट पर आस-पास के कुओं से पानी भरा जा रहा है। यहीं पर भगवान को सरोवर में स्नान के लिए लाया जाएगा।

जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी में तीन दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेले को लेकर व्यापक तैयारियां की गई है। वहीं मुख्य दिवस तीन सितम्बर को रहेगा, जिसमें भगवान के बाल विग्रह को चांदी के रथ में बिराजमान करवाया जाएगा। बाद में भगवान नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। इस चांदी के रथ को श्रद्धालु अपने हाथों से खींचेंगे। इस रथयात्रा के मार्ग में गुलाब के पुष्प और गुलाल की बरसात होगी। श्रद्धालु भगवान के साथ फाग खेलेंगे। वहीं परम्परा के तहत बाल विग्रह की सांवलिया सरोवर पर जलवा पूजा होगी, जहां जल में स्नान करवा पुजारी विशेष आरती करेंगे। यही मेले का मुख्य आयोजन भी रहता है। इसे लेकर घाट पर तैयारियां की गई है, जो कि बरसाती नाले पर बना हुआ है। यहां घाट को पूरी तरह से सीमेंटेड कर दिया है। वहीं सांवलियाजी क्षेत्र में इस बार पानी की कमी है। इसके चलते घाट पर आस पास के कुओं से मोटर चला कर पानी भरा जा रहा है। तैयारियों को लेकर अतिरिक्त जिला कलक्टर व श्री सांवलिया मंदिर की मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभा गौतम ने बताया कि मुख्य दिवस भगवान को चांदी के रथ में बिराजमान कर सांवलिया घाट पर जल में झुलाने के लिए लेकर जाते हैं। यहां विशेष आरती की जाती है। आयोजन को लेकर घाट पर साफ सफाई के अलावा रंग रोगन किया है। इससे घाट का स्वरूप निखर आया है। इस बार क्षेत्र में बरसात कम हुई है। इससे सांवलिया एनीकेट तक पानी नहीं भरा है। ऐसे में इस बार कुओं से मोटर चला कर घाट पर पानी भरा गया है।

कवि सम्मेलन व भजन संध्या होंगे आकर्षण

अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं मंदिर सीईओ प्रभा गौतम ने बताया कि मेले के प्रथम दिन मंगलवार को विशाल शोभायात्रा निकलती है। शोभायात्रा के समापन मंदिर पहुंचने पर होगा, जहां भव्य आतिशबाजी का कार्यक्रम होगा। वहीं रात्रि में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा, जिसमें देश के प्रख्यात कवि कविता पाठ करेंगे। तीन सितंबर को हमारा मुख्य दिवस रहेगा। इसमें ठाकुरजी रजत रथ में बिराजते हैं और नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। रथ सांवलिया सरोवर पहुंचता हैं, जहां ठाकुरजी स्नान करते हैं। इसके बाद पुनः ठाकुरजी रथ में विराज नगर भ्रमण करते रात आठ बजे मंदिर पहुंचते हैं, जहां आतिशबाजी का कार्यक्रम है। इसके बाद रात्रि में अलग अलग रंगमंच पर भजन संध्या सहित अन्य कार्यक्रम होंगे। प्रख्यात कलाकार बॉलीवुड प्ले सिंगर आदि प्रस्तुतियां देंगे।

मंदिर में हुई सजावट, जिगजैग से श्रद्धालु करेंगे प्रवेश

श्री सांवलियाजी मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्रसिंह नाथावत ने बताया कि मंदिर में मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में दर्शन में कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए व्यवस्थाएं की है। श्रद्धालुओं के आने की संभावाओं को लेकर जिगजैग व्यवस्था की गई है। इसी से श्रद्धालु प्रवेश करेंगे। मंदिर के कॉरिडोर में भी आर्टिफिशियल फूलों से सजावट की गई है।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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