

जौनपुर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नवरात्र शुरू होते ही हर जगह माता के दर्शन को श्रद्धालूओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। जौनपुर में नवरात्र के दिन का खास महत्व होता है| जौनपुर में स्थित माता शीतला चौकिया का दर्शन पूर्वांचल के लोंगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ये भी मान्यता है कि किसी को माँ विन्ध्यवासिनी का दर्शन करना है तो उसके पहले माँ शीतला का दर्शन जरूरी है। उसके बाद ही माँ विन्ध्यवासिनी के दर्शन का महत्व है। लोगों की आस्था इस बात से भी देखी जा सकती है कि दिल्ली, मुम्बई जैसी जगहों से यहा माँ के दर्शन को खिंचे चले आते हैं।
पूर्वांचल के लोगों की आस्था का केंद्र माँ शीतला चौकिया धाम में यू तो हर समय दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र के अवसर पर यहाँ हजारों की संख्या में लोग अपनी मनोकामना लेकर माता के दर्शन को आते हैं। मान्यता है कि माता शीतला का दर्शन करने के बाद ही माँ विन्ध्यवासिनी का दर्शन किया जाता है। नवरात्र के पहले दिन ही भक्तों की लंबी कतार लग गयी है। दूरदराज से लोग यहां बच्चों के मुंडन के लिए आ रहे हैं। स्थानीय आशीष माली ने बताया कि हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष यहां श्रद्धालु ज्यादा आ रहे हैं। माता के दरबार में जो कोई आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर के पुजारी शिव कुमार ने बताया कि इस पौराणिक मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के दरबार में कढ़ाई चढ़ाते हैं। बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर के पास बने तालाब में नहाने से कुष्ट जैसे रोग से छुटकारा मिल जाता है। अगर आप को माँ विन्ध्यवासिनी के दर्शन को जाना है, तो उससे पहले जौनपुर की माता शीतला चौकिया के दर्शन जरुरी है।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
