
प्रयागराज, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । अलोपी बाग स्थित श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी शान्तानंद सरस्वती सभागार में भगवान आदि शंकराचार्य, श्री राधा माधव (कृष्ण भगवान) एवं नवनिर्मित मंदिर में स्थापित श्री रामलला के दर्शन एक ही स्थान पर करके पूजा आरती का प्रसाद श्रद्धालु भक्त पा सकेंगे।
यह बातें भगवान रामलला मंदिर के नवनिर्मित मंदिर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा में श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कही। उन्होंने कहा कि तीनों मूर्तियों की स्थापना एक स्थल पर करने सम्बन्धी अपने गुरू की भावना को साकार करने का संकल्प मेरे मन में था, जिसके लिए मैं निरन्तर प्रयत्नशील था और गुरूजी की कृपा से मेरा यह संकल्प भगवान रामलला के मूर्ति की स्थापना के साथ पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि त्रेता के रामराज्य, द्वापर के धर्मराज्य और द्वापर के बाद आदर्श राज्य का समन्वित रूप मन में आत्मसात करना और तदनुरूप अपने जीवन आचरण करना यह प्रत्येक सद्पुरुष का कर्तव्य है।
श्रीमद्भागवत कथा में व्यास नंदन गोस्वामी ने कहा कि हमें अपने पूर्वकालिक सामाजिक, राजनैतिक एवं धार्मिक इतिहास का ज्ञान होता है। अतीत की दिनचर्या जीवनचर्या से हमें अपने वर्तमान जीवन को संवारने व सुधारने का ज्ञान होता है। आज श्रीमद्भागवत कथा पूर्ण के पश्चात् आरती-पूजन व प्रसाद का वितरण हुआ।
प्रवक्ता ओंकारनाथ त्रिपाठी ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा 9 जुलाई तक प्रतिदिन सायं 3 से 7 बजे तक होगी। 10 जुलाई को प्रातः 9 बजे से गुरू पूर्णिमा महोत्सव, श्री पादुका पूजन का आयोजन होगा। 10 जुलाई को 9 बजे से ही शंकराचार्य आश्रम अलोपीबाग में श्रीरूद्राभिषेक होगा। श्री शंकराचार्य चौक, अलोपीबाग में भगवान आदिशंकराचार्य की पूजा आरती होगी। 10 जुलाई से ही जगद्गुरू शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती श्री शंकराचार्य भगवान मंदिर में ही चातुर्मास व्रत प्रारम्भ करेंगे जो 9 सितम्बर तक चलेगा।
सम्पूर्ण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दंडी स्वामी शंकरानंद महाराज, दंडी स्वामी विनोदानंद सरस्वती, दण्डी सन्यासी विश्वदेवानंद सरस्वती, पं0 शिवार्चन उपाध्याय, नितिन प्रांत संगठन मंत्री विहिप काशी प्रांत, अनिल कुमार पाण्डेय प्रान्त सहमंत्री विहिप, आचार्य मनीष तिवारी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
