
जींद, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिंद के पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर शनिवार को हरियाली अमावस्या के मौके श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान तथा पिंडदान कर पितृ तर्पण किया और सुखद भविष्य की कामना की। अमावस्या को देखते हुए यहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। ऐतिहासिक पिंडतारक तीर्थ पर शुक्रवार शाम से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। इस दौरान धर्मशालाओं में सत्संग तथा कीर्तन आदि का आयोजन चलता रहा।
शनिवार अल सुबह ही श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान तथा पिंडदान शुरू कर दिया। इस मौके पर दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया तथा सूर्यदेव को जलार्पण करके सुख समृद्धि की कामना की।
पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किंवदंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की। बाद में सोमवती अमावस के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं ने यहां खरीददारी भी की।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
