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दूसरे नवरात्रे पर चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओ का सैलाब

ऊना, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । धार्मिक शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में दूसरा नवरात्र मंगलवार को भी श्रद्धालुओं की काफी चहल पहल रही। दूसरा नवरात्र माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। माता ब्रह्मचारिणी को भक्ति और श्रद्धा, तपस्या के रूप में माना जाता है। माता ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य को त्याग, तपस्या, दृढ़ता, संयम, शक्ति, वैराग्य की अनुभूति होती है जो कि भविष्य में मनुष्य को किसी भी कठिन कार्य मैं सहायक सिद्ध होती है। माता ब्रह्मचारिणी आपके अपने भक्तों के अवगुण, दोषी को समाप्त करके उसे अनेक प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती है। जिस दिन माता ब्रह्मचर्य को चीनी या शक्कर का भोग लगाया जाता है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है। जिसका अर्थ है कि देश ब प्रदेश में खुशहाली ,समृद्धि रहेगी ।हाथी खुशहाली का प्रतीक है।

अश्विन नवरात्रि के दूसरे दिन मंगलवार को भी श्रद्धालु श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। मंदिर न्यास द्वारा बनाई गई व्यवस्था के तहत दर्शन किए गए। चिंतपूर्णी में अश्विन नवरात्रि मेले में 10 लंगर संस्थाओं ने लंगर लगाने के लिए मंदिर न्यास से अनुमति ली है। इसके लिए उनके द्वारा ₹10,000 प्रति लंगर फीस और ₹10,000 प्रति लंगर धरोहर राशि यानी कुल ₹100,000 लंगर फीस और एक लाख धरोहर राशि जमा कराई गई है, जो कि सफाई व्यवस्था चुस्त रखने के बाद रिफंड होगी। मंदिर न्यास द्वारा मुख्य बाजार में टेंट लगाए गए हैं और निशुल्क पीने के पानी की व्यवस्था के साथ-साथ मेडिकल कैंप दवाइयां का भी इंतजाम किया गया है,। ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई असुविधा न हो।

मंदिर अधिकारी अजय मड़ियाल ने बताया कि अश्विन नवरात्रों के दौरान 10 लंगर संस्थाओं ने लंगर लगाने की अनुमति ली है। मंदिर को 24 घंटे खुला रखने का फैसला लिया गया है, लेकिन अगर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं होती है तो रात को 10:30 बजे बंद कर दिया जाएगा और सुबह 4:00 बजे खोला जाएगा । मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु एक रोड मैप के तहत कार्य कर रहा है। ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके।

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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल

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