Bihar

बाबा गोरखनाथ धाम मंदिर में जलाभिषेक करने श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

मंदिर परिसर में कांवरिया

कटिहार, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । सावन मास की अंतिम सोमवारी पर जिले के सभी शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। विशेषकर आजमनगर प्रखंड स्थित बाबा गोरखनाथ धाम मंदिर में देश-विदेश से भारी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर और कावरिया मार्ग पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

बाबा गोरखनाथ धाम मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में आस्था इतनी ज्यादा है कि हर साल भारत के कई राज्यों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल और भूटान से भी बड़ी संख्या में कांवरिये जलाभिषेक करने आते हैं। गोरखधाम मंदिर कमिटी के सदस्य अक्षय सिंह ने बताया कि शिवभक्तों का भोलेनाथ के प्रति अटूट आस्था है। सावन पूर्णिमा के अवसर पर ऐसा लगता है कि साक्षात भगवान शिव गोरखनाथ धाम की भूमि पर उतर आए हैं।

कटिहार के मनिहारी से गंगा जल लेकर कांवरिये लगभग 70 किमी पैदल उबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए भोले शिवशंकर को जलाभिषेक करने आते हैं। गोरखनाथ धाम का शिव मंदिर देश के ग्यारह ज्योतिर्लिंगों से अलग है। सावन महीने के पूर्णिमा अवसर पर यहां बड़ा आयोजन किया जाता है।

मिनी बाबाधाम के नाम से प्रसिद्ध गोरखनाथ शिव मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। बताया जाता है कि 1053 ई० सन में प्रसिद्ध संत गोरखनाथ जी महाराज अपने गुरु मछिन्द्रानाथ को असम के कामाख्या में नैनयोगिन के चंगुल से छुड़ाने कामख्या जा रहे थे। इसी क्रम में आजमनगर के गोरखपुर गाँव में तीन दिन रहे और इस मंदिर की स्थापना की गई।

कटिहार में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिनमें फतेहनगर में महाभारत काल की शिवलिंग, मनिहारी का अर्धनारीश्वर शिवमंदिर, भारीडीह शिवमंदिर और सौरिया का ऐतिहासिक शिवमंदिर प्रमुख हैं। इन मंदिरों में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की मुरादें पूरी होती हैं।

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(Udaipur Kiran) / विनोद सिंह

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