RAJASTHAN

देवस्थान विभाग ने मेड़तवाल (वैश्य) समाज में निर्वाचित ट्रस्टियों को दी मान्यता

मंदिर श्री फलौदी माताजी महाराज

कोटा, 23 जून (Udaipur Kiran) । देवस्थान विभाग कोटा ने अखिल भारतीय मेडतवाल (वैश्य) समाज द्वारा निर्वाचित प्रन्यास ‘मंदिर श्री फलौदी माताजी महाराज ट्रस्ट,खैराबाद’ के संशोधित विधान एवं प्रन्यासी परिवर्तन को प्रपत्र-4 में पंजीकृत कर वैधानिक मान्यता प्रदान कर दी है।

नवनिर्वाचित प्रन्यास ‘मंदिर श्री फलौदी माताजी महाराज ट्रस्ट, खैराबाद के केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में महामंत्री पुरूषोत्तम घाटिया ने देवस्थान विभाग कोटा द्वारा 18 जून को दिये गये निर्णय को सुनाया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से समाज में दो संस्थाओं के बीच चल रहे विवाद खत्म होंगे। समाज में एकता, भाईचारा, समन्वय और सौहार्द्र का वातावरण बनने से सामाजिक, धार्मिक एवं रचनात्मक आयोजनों में एकजुटता दिखाई देगी।

प्रन्यास के निर्वाचित अध्यक्ष सेठ मोहनदास करोड़िया, महामंत्री पुरूषोत्तम घाटिया, कोषाध्यक्ष कैलाशचंद गुप्ता दलाल, प्रन्यासी विष्णु प्रसाद करोड़िया, श्यामसुंदर सिंगी, डी.सी.करोड़िया, रामदयाल गुप्ता, मोहनलाल गुप्ता, उमेश गुप्ता, गिरिराज जुलानिया, कमलेश गुप्ता कालीपीठ, जगदीश गुप्ता, रामगोपाल मोदी, ओमप्रकाश सेठिया, जगदीश चंद्र गुप्ता, दिलीप कुमार गुप्ता, जुल्मी, घनश्याम भंडारी, पुरूषोत्तम चौधरी एवं महिला प्रन्यासी मंजू गुप्ता, जया गुप्ता व कुसुम टांक सहित 21 पदाधिकारियों व प्रन्यासियों ने देवस्थान विभाग कोटा के इस वैधानिक निर्णय का स्वागत किया हैं।

देवस्थान विभाग कोटा के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार खंडेलवाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अ.भा.मेडतवाल समाज द्वारा निर्वाचित प्रन्यास के संशोधन विधान एवं प्रन्यासी परिवर्तनों को प्रन्यास लेखों में इंद्राज हेतु प्रपत्र-8 प्रस्तुत किया गया था, जिस पर आपत्तियों की पूर्ण सुनवाई कर 24 जनवरी, 2025 को प्रन्यास हित में प्रपत्र-8 स्वीकार कर प्रपत्र-4 में इंद्राज किया गया। इसके पश्चात प्रपत्र-4 के प्रावधान के अनुसार, मंदिर श्रीफलौदी माताजी ट्रस्ट, दरीखाना खैराबाद के चुनाव की प्रक्रिया विधान के अनुसार सम्पन्न की गईं। इसमें 23 फरवरी, 2025 को प्रन्यास कार्यकारिणी के 120 सदस्यों का निर्वाचन तथा 24 फरवरी को ट्रस्ट के पदाधिकारियों का निर्वाचन हुआ, जिसे मान्यता प्रदान करने के लिये देवस्थान विभाग कोटा में प्रपत्र-8 प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में उभय पक्ष की आपत्तियों पर बहस सुनकर 19 मई, 25 को आपत्ति खारिज की गई।

देवस्थान विभाग कोटा ने प्रस्तुत आवेदन प्रपत्र-8 एवं पत्रावली के दस्तावेजों व बहस का अवलोकन कर निर्णय दिया कि प्रन्यास का संशोधित विधान को 24 जनवरी,25 को स्वीकार कर प्रविष्टि कर ली गई। सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम की धारा-23 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार न्यासीगण के नाम परिवर्तन को 18 जून, 2025 को प्रपत्र-4 में दर्ज करने के आदेश दिये गये हैं। प्रन्यास में निर्वाचित पदाधिकारियों व प्रन्यासियों को वैधानिक मान्यता मिलने से अब समाज में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई संस्था ही श्रीफलौदी माताजी मंदिर, खैराबाद एवं सामाजिक कार्यक्रमों का संचालन करेगी।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द

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