HimachalPradesh

मणिमहेश में राधाष्टमी स्नान के बाद अपने मूल स्थान लौटे देव इन्द्रूनाग

धर्मशाला, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । धर्मशाला के साथ लगते खनियारा स्थित श्री इंद्रूनाग देव मणिमहेश में राधाअष्टमी स्नान के बाद वीरवार को अपने मूलस्थान श्री इंद्रूनाग मंदिर पहुंच गए हैं। इस दौरान खेलपात्र में मंदिर के मुख्य गुर भानी चेला व सुरेश शर्मा ने गुरवानी के तहत देवता के आदेशों को सुनाते हुए क्षेत्र में सुख शांति रहने के साथ खराब मौसम से आने वाले दिनों में राहत मिलने की बात कही।

इसके साथ ही देवता ने आमजन की रक्षा करने व अपना आशीर्वाद बनाए रखने के आदेश भी खेलपात्र के दौरान बताए। खेलपात्र के दौरान पूजा-पाठ विधि-विधान के बारे में भी देवता के गुरों ने आदेश जारी किए।

वीरवार को पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ दोपहर को इंद्रूनाग मंदिर में खेलपात्र के बाद देवता की पालकी भक्तों के साथ खवाड़ा नाग मंदिर के लिए रवाना हुई। जिसके बाद खवाड़ा नाग मंदिर में राधाअष्टमी स्नान के बाद पहुंचे इंद्रूनाग देवता को खेलपात्र विधि द्वारा पूरी शोभा व पूजा के साथ पालकी के माध्यम से मूलस्थान इंद्रूनाग मंदिर में पहुंचाया गया। जहां खेलपात्र व विधिवत पूजा के साथ इंद्रूनाग देवता को उनके मूलस्थान पर विराजमान किया गया।

गौरतलब है कि बीते माह ही डायनों के साथ युद्ध करके लौटे बारिश के देवता इंद्रूनाग के खनियारा पहुंचने पर विशेष पूजा-पाठ व खेलपात्र का भी आयोजन किया गया था। जिसमें इंद्रूनाग के गुर ने खेल पात्र के दौरान डायनों से युद्ध के दौरान इंद्रूनाग देवता व उनके भाईयों में तोरल नाग, मतड़ानाग को तीन-तीन व बुडू नाग को दो घाव लगने जबकि भाले की मार से भी देवता को चोट लगने की बात बताई थी। जिसके बाद गुर के आदेशों पर मक्खन-चंदन लेप व औषधियों के साथ इंद्रूनाग देवता का उपचार करने के बाद इंद्रूनाग देवता राधाष्टमी के पवित्र स्नान के लिए मणिमहेश चले गए थे।

वहीं वीरवार को इंद्रूनाग देवता को खेलपात्र व पूजा-अर्चना के साथ उनके मूलस्थान खनियारा स्थित इंद्रूनाग मंदिर में पहुंचाया गया है। अब नाग देवता का बड़ा खेलपात्र संक्रांति को भेड़े के मेले के दौरान होगा।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

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